Aadha Gaon (Best Of Rajkamal)

· Best Of Rajkamal Kniha 8 · Storyside IN · Čte Yunus Khan
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आधा गाँव राही मासूम रज़ा 'आधा गाँव' भाषा, शिल्प, कथ्य और कथा-विन्यास की दृष्टि से लाजवाब उपन्यास है।...हिन्दी का पहला ऐसा उपन्यास जिसमें भारत-विभाजन के समय की शिया मुसलमानों की मनःस्थितियों का बेलाग और सटीक शब्दांकन मिलता है। ये मनःस्थितियाँ उत्तर प्रदेश के गाजीपुर ज़िले के गंगौली गाँव को केन्द्र में रखकर उकेरी गई है। 1947 के परिप्रेक्ष्य में लिखे गए इस उपन्यास में साम्प्रदायिकता के विरुद्ध गहरा प्रहार है। यह प्रहार सृजनात्मक लेखन का सबूत बनकर राष्ट्रीयता के हक़ में खड़ा हो जाता है। इस उपन्यास में लेखकीय चिन्ता है कि गंगौली में अगर गंगौली वाले कम और शिया, सुन्नी और हिन्दू ज़्यादा दिखाई देने लगे तो गंगौली का क्या होगा? यही वह ख़ास चिन्ता है जिसने इस उपन्यास को अद्वितीय की श्रेणी में ला खड़ा करता है क्योंकि गंगौली को भारत मान लेने की गुंजाइश है जहाँ विविध धर्मां के लोग रहते हैं...गंगोली से उठा यह प्रश्न जब भारत के सन्दर्भ में उठता है तब इस उपन्यास में निहित राष्ट्रीयता का सन्दर्भ व्यापक हो जाता है। गतिशील रचनाशिल्प आंचलिक भाषा सौन्दर्य, सांस्कृतिक परिवेश का जीवन्त चित्रण, सहज-सटीक दो टूक टिप्पणियों वाले संवाद इस उपन्यास की विशेषता हैं जो 'आधा गाँव' को हिन्दी उपन्यासों में विशिष्ट दर्जा दिलाते हैं।

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