भारत के सर्वोच्च साहित्यिक सम्मान माने जाने वाले ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित उड़िया की शीर्षस्थ लेखिका प्रतिभा राय का यह उपन्यास एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक दस्तावेज और अद्वितीय कला अनुभव है. स्वाधीन भूमि 'बोंडा देश' का पाँच पीढ़ियों के आर पार फैला आदिवासी जीवन के उल्लास, द्वन्द और संघर्ष का यह महाकाव्यात्मक आख्यान श्रेष्ठ हिंदी अनुवाद में.
काल्पनिक कहानियां और साहित्य