जीतने की जद्दोजहद में लोग क्या और कितना हार जाते हैं ये सफर के आखरी पड़ाव में और मंज़िल पर पहुँचने से पहले पता चल जाता है। लेकिन कुछ लोग इसे नजरअंदाज करना ही नियति बना लेते हैं। उनके साथ फिर वही होता है जो सादिक के साथ हुआ। आईना से प्यार और फिर शादी लेकिन इंटरनेशनल लेवल का बेस्टसेलर बनने की उसकी ख्वाहिश अभी पूरी नहीं हो रही थी। हिंदी ऑथर के लिए आसान है? आईना के पापा, प्रभात शेखावत खुद इंटरनेशनल बेस्टसेलर हैं तो फिर रास्ता आसान हो, शायद! शैलेष और अंशुल केसरी, पब्लिशिंग इंडस्ट्री के दो ऐसे दिग्गज जो किसी ऑथर का साथ दें, तो सब मुमकिन है। फिर इनमें से कौन साथ देगा सादिक का? क्योंकि बेस्टसेलर बनना हर तरीके से फायदे का सौदा होता है! क्या ये कहानी वाकई सादिक की है या किसी ऐसे शख्स की है जिसने बेस्टसेलर बनने का सबसे अलग रास्ता चुना? पढ़िये और बताइए कि बेस्टसेलर कौन बना!