विचार ही वह बीज है, जिससे बदलाव के वृक्ष उगते हैं. देश-दुनिया में जितनी क्रांतियाँ हुई हैं, उनकी कोंपलें विचारों से ही फूटी हैं. नोबेल शांति पुरस्कार विजेता श्री कैलाश सत्यार्थी के क्रांतिकारी विचारों ने समाज के हाशिए पर खड़े और विकास की परिधि से बाहर उन करोड़ों उपेक्षित बच्चों को आज दुनिया के केंद्र में लाकर खड़ा कर दिया है, जहाँ से उनकी आजादी और मुसकराहट का रास्ता खुलता है. श्री सत्यार्थी केवल एक बाल अधिकार कार्यकर्ता भर नहीं हैं, वे एक विचारक और दार्शनिक भी हैं. यह पुस्तक उनके ऐसे ही क्रांतिकारी विचारों और बदलाव के बोलों का संग्रह है.