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O tej zvočni knjigi
यह किताब उर्दू के सबसे बड़े शायर मिर्ज़ा ग़ालिब का ज़िंदगीनामा है और उनके साथ साथ उस वक्त का भी जिसमें ग़ालिब जिये. यह दिल और दिल्ली के उजड़ने और बसने की दास्तान है, इतिहास और कविता के रिश्ते की दास्तान है. इसे ग़ालिब की आवाज़ में, उनके वक़्त की आवाज़ में लिखने की कोशिश की है प्रसिद्ध पत्रकार और चित्रकार विनोद भारद्वाज. यह किताब आपको ग़ालिब के शहर और उनके मन दोनों की गली में ले जाती है और आप देखते हैं उस अज़ीम शख़्स जो जिसे लगता था दुनिया उसके सामने बच्चों का खेल है.