जैसे किसी संकटग्रस्त राज्य को इंतजार होता है कि कोई योद्धा कोई सुपर हीरो आए और उस राज्य के सारे संकट दूर कर दे। ठीक ऐसे ही चित्रनपुर राज्य, उसकी राजधानी व्रथला को इंतजार है कि कोई वीर योद्धा आए और उसे सालों की गुलामी की बेड़ियों से, दानव काछाल के अत्याचारों से बचाए। मंजरीश की पहाड़ियों में छुपकर रह रहे महाराज को नई उम्मीद मिलती है जब वो एक गरुड़ सवार योद्धा गौरेन से मिलते हैं। उनके पूरे राज्य में उम्मीद की लहर दौड़ जाती है। क्या गरुड़ सवार योद्धा, गरुड़ पुत्र गौरेन इस राज्य को गुलामी की बेड़ियों से बचा पाएगा? हिन्दी साहित्य की नई सनसनी। बिलकुल किसी हॉलीवुड फिल्म जैसा रोमांच पैदा करने वाला उपन्यास पढ़िए- 'गरुड़ पुत्र'
Художественная литература