सन 1972 में किरण बेदी ने IPS पद का कार्यभार संभाला! ये सब जानते हैं कि वो पहली महिला हैं जो आज़ाद भारत में IPS पद के लिए चुनी गयीं. उनके चुने जाने से महिलाओं को प्रेरणा मिली और फिर कई महिलाएँ इस मुक़ाम तक पहुँची. आज भी कई लोग उनकी जीवनी से प्रेरणा लेते हैं. उनकी जीवनी यानी बायोग्राफ़ी पहली बार हिंदी ऑडियोबुक के तौर पर हिंदी साहित्य प्रेमियों के सामने है. किरण बेदी सामाजिक कार्यों में भी काफ़ी रूचि रखती हैं. उनके सामाजिक कार्यों को विश्व स्तर पर पहचान मिली है और सराहा गया है. उनके जीवन से जुड़े कई रोचक और प्रेरक पहलुओं को जानने के लिए इस ऑडियोबुक को ज़रूर सुनें. साथ हो इसे उन लोगों से शेयर करें जो अपने जीवन को सफ़ल बनाने के लिए दिन-रात पूरी हिम्मत से कोशिश कर रहें हैं. तो पेश है किरण बेदी की जीवनी यानी बायोग्राफ़ी 'हिम्मत है'!