यह उपन्यास निर्मला, एक जवान लड़की पर केंद्रित है, जो अपने पिता की उम्र के एक विधुर से शादी करने को मजबूर थी। ये कहानी एक तरफ़ जहाँ स्त्री समाज के ऊपर दागे गये दवाबों को दर्शाता है तो वहीं दूसरी तरफ़ लेखक प्रेमचंद की संवेदनशीलता को दोबारा से दोहराता है!
Skönlitteratur och litteratur