Rashtriya Aandolanat Ra Swa Sangh

· Storyside IN · Раскажувач: Neha Naik
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स्वतंत्रता आंदोलनात संघाचा सहभाग होता परंतु संघानी त्याचे श्रेय घेतले नाही. संघसंस्थापक डॉ. हेडगेवार यांनी स्वातंत्र्य संग्रामात भाग घेण्यासाठी आपल्या डाँक्टरी पेशाचा स्वेच्छेने त्याग केला. डॉ. हेडगेवार यांचा जन्म १ एप्रिल,१८८९ साली नागपूर मध्ये झाला. नागपूर मध्ये १९०४-१९०५ मध्ये स्वातंत्र्य चळवळीचे वारे वाहू लागले. त्या आधी इथे पोषक वातावरण नव्हते. तरी १८९७ साली राणी व्हिक्टोरिया यांच्या राज्यारोहणाच्या हिरक जयंती निमित्त शाळांमध्ये मिठाई वाटप करण्यात आली. आठ वर्षाच्या केशवनी (डॉ हेडगेवार) ती मिठाई न खाता कचऱ्यात फेकून दिली. ही क्रिया इंग्रजी सत्तेच्या गुलामगिरी विरुध्द त्यांच्या मनात असलेला क्षोभ आणि चीड दर्शवते.१९०७ साली रिस्ले सेक्युलर च्या अंतर्गत सरकारने "वंदे मातरम" च्या उद्घोषणाला बंदी आणली. या अन्यायपूर्ण आदेशाविरुद्द आपल्या नील सिटी विद्यालयात सरकारी निरिक्षक आले असतांना आपल्या विद्यार्थी मित्रांसमवेत "वंदे मातरम" चा जयघोष करुन डाँक्टरांनी त्या आदेशाचे उल्लंघन केले.परिणामी शाळा प्रशासनाचा रोष पत्करला.त्यांना शाळेने निष्कासित केले.डाँक्टर होण्यासाठी आवश्यक अभ्यासक्रम मुंबईत उपलब्ध असतांना सुद्धा, कलकत्ता हे क्रांतीकारी कार्याचं केंद्र असल्यामुळे त्यांनी शिक्षणासाठी कलकत्ता विद्यापीठ निवडले.त्या ठिकाणी क्रांतीकारकांची शिर्षस्थ "अनुशिलन संस्था" चे ते विश्वासपात्र सदस्य झाले.

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