दिल्फ़रेब डिटेक्टिव सुधीर कोहली इस बार बड़ी उलझन में है - इस कहानी में उसका क्लायंट ही प्राइम ससपेक्ट है. एक के बाद एक तीन क़त्ल. कहीं सुधीर की अपनी जान तो ख़तरे में नहीं? हिंदी क्राइम किंग सुरेन्द्र मोहन पाठक की लेखनी से एक और हैरतअंगेज़ मर्डर मिस्ट्री जो आपको हिलने नहीं देगी आख़िरी पन्ने तक.