Upsanghar (Best Of Rajkamal)

· Best Of Rajkamal 65-р ном · Storyside IN · Prashant Divedi хүүрнэсэн
Аудио ном
3 цаг 55 минут
Бүрэн эхээр
Боломжит
Үнэлгээ болон шүүмжийг баталгаажуулаагүй  Нэмэлт мэдээлэл авах
4 минут-н жишээ хүсэж байна уу? Офлайн байсан ч хүссэн үедээ сонсоорой. 
Нэмэх

Энэ аудио номын тухай

उपसंहार हिन्दी कहानी के सुपरिचित हस्ताक्षर प्रेमकुमार मणि ने अपनी प्रखर अन्तर्दृष्टि और विचारोत्तेजकता के कारण हिन्दी पाठकों को गहरे प्रभावित किया है। उनकी कहानियों में एक ओर जहाँ सामाजिक विषमताओं और रूढ़िवादिता के विरुद्ध प्रतिरोध के स्वर प्रबल हैं वहीं दूसरी ओर पात्रों की मानसिक एवं बौद्धिक बुनावट के विविध स्तरों की अचूक पहचान भी। बौद्धिक प्रखरता और गहरी संवेदनशीलता का विरल सामंजस्य उनकी कहानियों के शिल्प की विशिष्टता है जो उनकी कहानियों को ज्यादा पठनीय और आत्मीय बनाता है। मणि की कहानियों का यह संग्रह उनकी कहानियों के विकास का अगला पड़ाव है। इन कहानियों से गुजरते हुए आप उनके अनुभव संसार के नए गवाक्ष से रू-ब-रू होते हैं जो उन्हें पारम्परिक अर्थों में ग्रामीण, कस्बाई, या शहरी संवेदना वाले प्रचलित दायरे में सीमित नहीं करते। ये कहानियाँ मणि की रचनात्मक दक्षता, उनके अनुभव के विस्तार तथा शिल्प के वैविध्य की ओर हमारा ध्यान आकृष्ट करती हैं और विचारधारा से कहीं अधिक अपनी मानवीयता, प्रज्ञा और करुणा से उद्वेलित करती हैं। मनुष्य की मुक्ति का उनका मूल स्वर इन कहानियों में सर्वाधिक मुखर है। यह संकलन समकालीन कथा परिदृश्य में अपना मौलिक एवं विशिष्ट पहचान दर्ज करता है।

Энэ аудио номыг үнэлнэ үү

Санал бодлоо хэлнэ үү.

Мэдээллийг сонсож байна

Ухаалаг утас болон таблет
Андройд болон iPad/iPhoneGoogle Ном Унших аппыг суулгана уу. Үүнийг таны бүртгэлд автоматаар синк хийх бөгөөд та хүссэн газраасаа онлайн эсвэл офлайнаар унших боломжтой.
Зөөврийн болон ердийн компьютер
Та Google Play дээр худалдан авсан номоо өөрийн компьютерийн веб хөтчийг ашиглан уншиж болно.