कॉर्पोरेटर महादेव पवार, लोगों को सस्ते में मकान बेच रहा है. उसके लिये ये जनसेवा है लेकीन रवी चौधरी के मन में कई सवाल उठते है. उन सवालों को खोजने निकला रवी खूद कही गुम हो जाता है. क्या वो जिंदा है या किसी ने उसे मार दिया है? किसने? एसीपी तिजारे की तफ्तीश क्या उस कातिल तक पहुँच पायेगी?