APJ Abdul Kalam: Ek Jeevan

· Manjul Publishing
4,8
108 anmeldelser
E-bog
512
Sider
Bedømmelser og anmeldelser verificeres ikke  Få flere oplysninger

Om denne e-bog

वैमानिक इंजीनियर, रॉकेट वैज्ञानिक, मिसाइल मैन, स्वप्नदृष्टा, शिक्षक और याद आने वाले सबसे प्रेरक राष्ट्रपति - अबुल पाकिर जैनुलाबदीन अब्दुल कलाम इन सब से भी बढ़कर थे I निःसन्देह वे महात्मा धी के बाद सबसे सम्मानित भारतीय नेता थे I उनके उल्लेखनीय जीवन की राह में जो भी सीमाएँ और बाधाएं आईं, वे उन सबको शिष्टता और विनम्रता के साथ पार कर गए I अरुण तिवारी ने गहरी समझ के साथ डॉ. कलाम के जीवन के शुरूआती अनुभवों और चरित्र-निर्माण के बारे में बताया है I वे डॉ. कलाम के शिखर तक पहुँचने की कहानी बता रहे हैं, जो उतनी ही नाटकीय थी जितनी कि उनकी बनाई मिसाइलें I वे हमें उनके संघर्ष और पीड़ा की अनूठी झलक भी प्रदान करते हैं I लेखक को 33 वर्षों तक डॉ. कलाम के 'अधीनस्थ, सह-लेखक, व्याख्यान लेखक और मित्र' होने का लाभ मिला है, जिस कारण वे कलाम के संपूर्ण व्यक्तित्व को प्रस्तुत कर पाते हैं (उनके प्रभावों, उनकी संत जैसी आदतों और जोश को ) उन्होंने उनके उल्लेखनीय जीवन व् उपलब्धियों को ईँधन दिया I डॉ. कलाम का यह प्रामाणिक विस्तृत वर्णन, जो अनुभवों और किस्सों से पूर्ण हैं, जो उन्हें एक ऐसे व्यक्ति के रूप में उजागर करता है, जो अपने देश की संपूर्ण महिमा और विरोधाभासों का प्रतीक है : धर्मनिरपेक्ष और धार्मिक; महान और विनम्र; ऊर्जावान और शांत; वैज्ञानिक और आध्यात्मिक - सबसे बढ़कर एक भारतीय| 

Bedømmelser og anmeldelser

4,8
108 anmeldelser

Om forfatteren

 अरुण तिवारी हैदराबाद में डिफेंस रिसर्च इंटिग्रेशन डेवलपमेंट लेबोरेट्री (डी.आर.डी.एल.) में मिसाइल वैज्ञानिक और पहली तीन आकाश मिसाइल वैकासिक उड़ानों में वे एयरफ्रेम डिज़ाइनर और प्रोजेक्ट मैनेजर (सिस्टम इंटिग्रेशन)I 1992 में डॉ. कलाम ने प्रो. तिवारी को डी.आर.डी.ओ. का प्रोग्राम डायरेक्टर बना दिया, जिसका उद्देश्य रक्षा प्रौद्योगिकी के असैनिक लाभकारी उत्पाद तैयार करना था I डॉ. कलाम की टीम में रहते हुए उन्होंने टेलिकम्यूनिकेशन्स कनसल्टेंट्स इंडिया लिमिटेड (टी.सी.आई.एल.) के पैन-अफ्रीका ई-नेटवर्क की पहली लिंक स्थापित की I यह नेटवर्क अब अफ़्रीका महाद्वीप के विश्वविद्यालयों व् अस्पतालों से जोड़ता है I 1992 में अरुण तिवारी, डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम की आत्मकथा विंग्स ऑफ़ फायर के सहलेखक रहे I अब तक वे बारह पुस्तकें लिख चुके हैं I अरुण तिवारी वर्तमान में रक्षा क्षेत्र में एफ़.डी.आई. का ब्लूप्रिंट तैयार करने और भारत में डिफ़ेंस टेक्नोलॉजिकल इंडस्ट्रियल बेस ( डी.टी.आई.बी.) के निर्माण हेतु परामर्श दे रहे हैं I वे हैदराबाद विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ़ मैनेजमेंट साइंसेस में ऐजंक्ट प्रोफेसर भी हैं I

Bedøm denne e-bog

Fortæl os, hvad du mener.

Oplysninger om læsning

Smartphones og tablets
Installer appen Google Play Bøger til Android og iPad/iPhone. Den synkroniserer automatisk med din konto og giver dig mulighed for at læse online eller offline, uanset hvor du er.
Bærbare og stationære computere
Du kan høre lydbøger, du har købt i Google Play via browseren på din computer.
e-læsere og andre enheder
Hvis du vil læse på e-ink-enheder som f.eks. Kobo-e-læsere, skal du downloade en fil og overføre den til din enhed. Følg den detaljerede vejledning i Hjælp for at overføre filerne til understøttede e-læsere.