Aaj Nahin To Kal

· Vani Prakashan
Электронная книга
40
Количество страниц
Оценки и отзывы не проверены. Подробнее…

Об электронной книге

चर्चित नाटककार सुशील कुमार सिंह का एक और तीखा, बेबाक, राजनीतिक व्यंग्य नाटक आज नहीं तो कल ।

Об авторе

सुशील कुमार सिंह

सिंहासन खाली है जैसे ख्यातिप्राप्त नाटक के लेखक और बीबी नातियों वाली जैसे मील के पत्थर दूरदर्शन धारावाहिक के निर्माता-निर्देशक सुशील कुमार सिंह ने कानपुर विश्वविद्यालय से बी.एससी. तक शिक्षा प्राप्त करने के पश्चात राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय, नयी दिल्ली से नाट्य निर्देशन तथा भारतीय फ़िल्म एवं टी.बी. संस्थान, पुणे से फ़िल्म एवं टेलीविज़न कार्यक्रम निर्माण-निर्देशन का विशेष प्रशिक्षण प्राप्त किया।

देश के विभिन्न भागों में एक सौ से अधिक रंगनाटकों का निर्देशन, अनेकानेक नाट्य-शिविरों का संचालन निर्देशन, अनेक टी.वी. धारावाहिकों, सौ से अधिक टी.वी. नाटकों, टेलीफ़िल्मों, वृत्तचित्रों आदि का निर्माण-निर्देशन किया। सुशील कुमार सिंह के चर्चित पूर्णकालिक नाटक हैं-सिंहासन खाली है, नागपाश, गुडबाई स्वामी, चार यारों की चार, अंधेरे के राही, बापू की हत्या हजारवीं बार, आज नहीं तो कल, आचार्य रामानुज, बेबी तुम नादान, अलख आज़ादी की, नौलखिया दीवान, एक अभागी मौत उर्फ पराजित सत्य, विश्व भ्रमण : एराउंड द वर्ल्ड आदि । ठग ठगे गये, लोक कथा कनुवे नाई की, तमाशा, वैसे तो सब खैर कुशल है, बापू के नाम बाल नाटिकाएँ, बाल लोक नाटिकाएँ आदि अनेक बालनाटक भी लिखे हैं।

सुशील जी के नाटक पूर्णतया रंगमंचीय हैं और देश की विभिन्न नाट्य संस्थाओं-निर्देशकों द्वारा मंचित किये जाते रहे हैं। अकेले सिंहासन खाली है के देशभर में पाँच हज़ार से अधिक मंचन हो चुके हैं। अनेक नाटकों के कई भारतीय भाषाओं में अनुवाद भी हुए हैं। इनके कई नाटक देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों में स्नातक और परास्नातक पाठ्यक्रमों में शामिल किये गये हैं।

नाटकों के अलावा सुशील जी कविताएँ, कहानियाँ, संस्मरण, विविध लेख भी लिखते रहते हैं जो विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहते हैं।

नाट्य लेखन के क्षेत्र में विशिष्ट योगदान के लिए केन्द्रीय संगीत नाटक अकादमी अमृत सम्मान 2022 एवं उ.प्र. संगीत नाटक अकादमी द्वारा सुशील कुमार सिंह को सन् 1991 में पुरस्कृत किया गया। उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान द्वारा भी इनके अनेक नाटकों को पुरस्कृत किया गया। उ. प्र. हिन्दी संस्थान द्वारा डॉ. रामकुमार वर्मा बाल नाटक सम्मान-2018 तथा 'कला भूषण' सम्मान 2020 प्रदान किया गया। भुवनेश्वर शोध संस्थान द्वारा भुवनेश्वर नाट्य लेखन पुरस्कार भी प्रदान किया गया। इसके अतिरिक्त भीष्म साहनी नाट्य लेखन, पृथ्वीराज कपूर नाट्य लेखन- निर्देशन एवं लाइफ टाइम एचीवमेंट अवार्ड से भी सम्मानित किया गया। उत्तर भारत से लेकर दक्षिण भारत तक के विश्वविद्यालयों के अनेक शोधार्थियों ने इनके नाट्य-लेखन के विभिन्न आयामों पर सफलतापूर्वक शोध प्रबन्ध प्रस्तुत किये हैं । उ.प्र. के प्रसिद्ध नाट्य-प्रशिक्षण संस्थान भारतेन्दु नाट्य अकादमी, लखनऊ में भी सुशील जी ने पाँच वर्षों तक निदेशक के पद पर कार्यरत रहकर अनेक प्रतिमान स्थापित किये।

दूरदर्शन के विभिन्न केन्द्रों में नाट्य निर्माता, निर्देशक के पद पर योगदान देते हुए, लखनऊ केन्द्र में उपनिदेशक (कार्यक्रम) के पद से सेवानिवृत्त होकर सम्प्रति सुशील जी स्वतन्त्र रूप से रंगमंच एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के लिए लेखन एवं निर्देशन में व्यस्त।

Оцените электронную книгу

Поделитесь с нами своим мнением.

Где читать книги

Смартфоны и планшеты
Установите приложение Google Play Книги для Android или iPad/iPhone. Оно синхронизируется с вашим аккаунтом автоматически, и вы сможете читать любимые книги онлайн и офлайн где угодно.
Ноутбуки и настольные компьютеры
Слушайте аудиокниги из Google Play в веб-браузере на компьютере.
Устройства для чтения книг
Чтобы открыть книгу на таком устройстве для чтения, как Kobo, скачайте файл и добавьте его на устройство. Подробные инструкции можно найти в Справочном центре.