शेर ग़ज़ल यूं लिखना आसां ऐश नहीं।
दिल में अपने प्यार बसाना पड़ता है।।
बिना प्रेम, स्नेह के एक शब्द भी नहीं लिखा जा सकता। प्रेम ने अश्वनी कुमार चावला जैसे एक आम इंसान को "ऐश" बना दिया। सभी गजलें, रचनाएं मेरे सांवरे को समर्पित है। हर ग़ज़ल, हर रचना के पीछे एक कहानी है, ये सभी रचनाएं चलते फिरते व्हाट्सएप पर लिखी है, जिन्हे सबसे पहले मेरी श्रीमती जी पढ़ती है, पढ़कर सुझाव देती है, परिमार्जित करती है तब जाकर एक ग़ज़ल एक रचना का जन्म होता है। धन्यवाद मेरी अर्धांगिनी अंजु का जिसने मुझे मेरे सांवरे पर लिखी गजलों और रचनाओं को मुकम्मल करने में मेरी सहायता की। आज उन रचनाओं ने एक पुस्तक का रूप ले लिया है, जो आपके सामने प्रस्तुत है। आप भी पढ़े, कोई कमी लगे, कोई अच्छाई लगे तो मुझे ज़रूर बताएं।