Akshaya Gaurav | April - June, 2019

· Akshaya Gaurav | Patrika Llibre 2 · Prachi Digital Publication
3,8
5 ressenyes
Llibre electrònic
67
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Sobre aquest llibre

अक्षय गौरव त्रैमासिक साहित्यिक ई-पत्रिका है। अक्षय गौरव साहित्यिक ई-पत्रिका का प्रकाशन पूर्णरूपेण साहित्य को समर्पित है। नये व पुराने सभी अंको को आप https://patrika.akshayagaurav.com पर भी पढ़ सकते है। यदि आप भी लेखक है तो आप प्रकाशन के लिए अपनी रचनाएं हमें [email protected] पर भेज सकते है।



अक्षय गौरव | अप्रैल – जून, 2019 के इस अंक मे


पद्य खंड


शीर्षक / रचनाकार


1. कंदुक / कौशलेन्द्र (कौशल किशोर मिश्र)

2. झूला / शुभा मेहता

3. काश! / सुधा सिंह

4. सत्य आज का / डॉ. रेखा सिन्हा

5. देखो फिर से मानवता शर्मसार हुई / डॉ.(श्रीमती) ललिता यादव

6. शहर के पेड़ से उदास लगते हो... (नज़्म ) / मोहित शर्मा ‘ज़हन’

7.कहीं से तू दे आवाज़... /श्वेता सिंह

8. पन्नों में दबी एक रूमानी कहानी (हाइकु गीत) / साधना वैद

9. पेड़ ने पूछा चिड़िया से / रेणुबाला

10आरी और वृक्ष-हत्यारे / रवीन्द्र सिंह यादव

11. कब हो सवेरा / पुरुषोत्तम कुमार सिन्हा

12. अपने हिस्से की मुस्कान / अनीता लागुरी ‘अनु’

13. माँ (सार छंद) / महेंद्र देवांगन ‘माटी’

14. बँधुआ सूरज को छुड़ाते हुए / डॉ. मनोहर अभय

15.कामना / डॉ. विदुषी शर्मा

16. रहस्य / गीतांजलि वार्ष्णेय

17. ठंड में माँ / रंगनाथ द्विवेदी

18. एक चेतावनी / शशि भूषण

19. सारे सपने जीवन के जब आँसू में ही बह जाए / विज्ञा तिवारी ‘स्वयं’

20. तभी तो फ़ौजी कहलाता हूँ / आनन्द सिंह शेखावत

21.विदाई / नीरज त्यागी

22. पुष्प तुमको कर रहा हूं, साधना के मैं समर्पित / विजय कुमार मिश्रा



गद्य खंड

 

23. साम्यवादी मूल्यों की स्थापना- (संस्मरण / व्यंग) / गोपेश मोहन जैसवाल

24. सज़ा या रिहाई (कहानी) / देवी नागरानी

25.आलोचना की संस्कृति (लेख) / विश्वमोहन

26. अपहृत क्राँति की फिरौती नहीं होती (लेख) / कौशलेन्द्र (कौशल किशोर मिश्र)

27. ईदगाह– समीक्षा / साधना वैद

28. बदलते शहर, बदलती बाग़वानी (लेख) / डॉ. नवल्दे भारती

29.10वीं-11वीं सदी के साँस्कृतिक गौरव सम्राट भोज परमार का तथ्यों सहित वर्णन करती विजय नाहर की पुस्तक समीक्षा / रूद्र प्रताप गुज्जर  

30. डायनासोर होता आँचल (लेख) / सुबोध कुमार सिन्हा

31. झूठ को सच हमेशा बताना पड़ा / बलजीत बेनाम

32. ‘एकलव्य’ के व्यंग्य / ध्रुव सिंह ‘एकलव्य’

33. मानव शरीर के लिये प्रकृति का अनमोल वरदान (लेख) / डॉ. विनोद गौतम

34. नेताजी का भाषण (व्यंग्य) / धर्मेन्दर कुमार

Puntuacions i ressenyes

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Sobre l'autor

अक्षय गौरव पत्रिका की संपादकीय टीम है। जिसमें डा. फखरे आलम खान (संरक्षक), गोपेश मोहन जैसवाल (संपादकीय सलाहकार), विश्व मोहन (प्रधान संपादक), रवींद्र सिंह यादव (संपादक), ध्रुव सिंह ‘एकलव्य’ (संयोजक) और परामर्श मंडल सदस्यो में साधना वैद, रेणु बाला, अनीता लागुरी ‘अनु’, पुरूषोत्तम कुमार सिन्हा शामिल है। जिनके मार्गदशन मे पत्रिका का संपादन एवं प्रकाशन किया जाता है।

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