Apalak: Poetry

· Uttkarsh Prakashan
5,0
3 apžvalgos
El. knyga
104
Puslapiai
Įvertinimai ir apžvalgos nepatvirtinti. Sužinokite daugiau

Apie šią el. knygą

सांसों का आना-जाना, कमाना-खाना और उम्र के कई पड़ाव पार कर काल के गाल में समा जाना, क्या यही है जीवन ? अथवा जीवन एक यात्रा है जो नियत लक्ष्य की पूर्ति का सर्वाेत्तम माध्यम है। लक्ष्य लौकिक हो सकता है या आध्यात्मिक। हमारे पूज्य सद्गुरुदेव हमेशा कहते हैं कि संसार एक रंगमंच है और हम सब रंगकर्मी। ‘सबहिं नचावत राम गुसांई’ के अनुसार ईश्वर ने हमें जो पाठ (दायित्व) दिया है, उसका निर्वहन तन्मयता से निष्ठापूर्वक करें तो यह ईश आराधना ही है। जीवन कितना बड़ा हो, यह महत्वपूर्ण नहीं, जीवन सोद्देश्य एवं सार्थक हो, यह महत्वपूर्ण है। अपने कत्र्तव्यों का पालन करते हुए हम लौकिक लक्ष्य के साथ-साथ आध्यात्मिक लक्ष्य की प्राप्ति की ओर निरन्तर अग्रसर होते रहते हैं। आज मानव भौतिकता की दौड़ में भागता जा रहा है। सामाजिक मान्यतायें, प्रतिबद्धताएं दम तोड़ रही हैं। सत्य, अहिंसा, अस्तेय, अपरिग्रह जैसे शब्द केवल भाषण के आभूषण रह गये हैं। समाज में व्याप्त विषमतायें, विसंगतियां, पर्यावरण आदि हमारी गहन चिंता के विषय हैं। लोक कल्याण की दृष्टि से इन विषयों को रेखांकित किया जाना अत्यावश्यक है। सृजन धर्मियों ने इन विषयों पर अपनी भावनाएं अवश्य व्यक्त की हैं। इस पुस्तक में भी ऐसी कुछ रचनाओं का समावेश किया गया है। राष्ट्रकवि श्रद्धेय मैथिलीशरण गुप्त ने लिखा है कि ‘कोेई पास न रहने पर भी जन-मन मौन नहीं रहता।’ मानव मन की प्रकृति का मेरी दृष्टि में यह सर्वोत्तम चित्रण है। प्रशासनिक व्यस्तताओं के साथ कभी-कभी ‘कोई पास न रहने पर’ मेरे मन में उद्भूत हुए मनोभावों की शब्दिक अभिव्यक्तियों का संकलन है ‘अपलक’ जिसमें कुल 52 कविताएं संकलित हैं। हिन्दी साहित्याकाश में देदीप्यमान नक्षत्रों के प्रकाश के बीच एक छोटा सा दीपक जलाने के इस लघु प्रयास में त्रुटियों की संभावना होना स्वाभाविक है, जिसके लिए सुधी जनों से क्षमाप्रार्थी हूं। यह संकलन भूतभावन महाकाल की अहैतुकी कृपा पूर्ण प्रेरणा, पूज्य गुरुदेव, पूज्या मां, चाचाजी एवं भईया जी के स्नेहाशीष का प्रतिफल है। अनुज जय, अखिलेश, दिलीप, बेटे सुधांशु, आशीष, बेटी प्रीति के सहयोग के बिना यह सृजन संभव नहीं था। ममता जी का भी सहयोग-सहभागिता अविस्मरणीय है। श्री प्रतीक सोनवलकर, अनुपम जी एवं अन्य साहित्य प्रेमी मित्रों के उत्साहवर्धन एवं श्री हेमन्त शर्मा जी (प्रकाशक) उत्कर्ष प्रकाशन मेरठ के त्वरित प्रकाशन सहयोग के लिए मैं हृदय से आभारी हूं।

Įvertinimai ir apžvalgos

5,0
3 apžvalgos

Įvertinti šią el. knygą

Pasidalykite savo nuomone.

Skaitymo informacija

Išmanieji telefonai ir planšetiniai kompiuteriai
Įdiekite „Google Play“ knygų programą, skirtą „Android“ ir „iPad“ / „iPhone“. Ji automatiškai susinchronizuojama su paskyra ir jūs galite skaityti tiek prisijungę, tiek neprisijungę, kad ir kur būtumėte.
Nešiojamieji ir staliniai kompiuteriai
Galite klausyti garsinių knygų, įsigytų sistemoje „Google Play“ naudojant kompiuterio žiniatinklio naršyklę.
El. knygų skaitytuvai ir kiti įrenginiai
Jei norite skaityti el. skaitytuvuose, pvz., „Kobo eReader“, turite atsisiųsti failą ir perkelti jį į įrenginį. Kad perkeltumėte failus į palaikomus el. skaitytuvus, vadovaukitės išsamiomis pagalbos centro instrukcijomis.