ज्योतिषी नव ग्रह के माध्यम से हमारे जीवनी को स्पष्ट करने का प्रयास करते है | हम भी आपके कर्मो के माध्यम से अपने जीवन को अधिक से अधिक सुंदर करने का निरंतर प्रयास करते रहते है | सभी जानते है की हम किसी परब्रहम के असिम कृपा से यश-अपयश के मायाजाल मे सुख-दुख का अनुभव करते है | बस कुछ जीव इसे पूर्ण रूप से कुछ आंशिक रूप से तो कोई अहंभाव मे मानते-नकारते है |
आकाशीय पिण्डो के गतिचक्र मे हमारी दिनचर्या भी प्रकृति ने गतिमान कर दी | आगे बढ़ाना, रुकना, थकना और फिर नई उमंग के साथ आगे बढ़ाना यह तो हमारा स्वभाव सा हो गया है | नव ग्रहों के साथ असंख्य अगणित ग्रहपिंडो की ऊर्जा से हम प्रभावित होते है | इन्ही सब का एक मिल परिपाक आपको इस ई-पुस्तिका मे मिलेगा |
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मै बस एक जिज्ञासु हूँ | पढ़ना, लिखना, और चिंतन करना मेरा नित्य कर्म है | 100 से अधिक पुस्तको का प्रकाशन हुआ यह तो निखिलेश्वरानन्द्जी की कृपा है | जीवन के कुछ प्रश्नो के उत्तर ढूँढने ज्योतिष की और एक कदम बढ़ाया और सद्गुरुशिवरूपी ने यहा तक पहूँचाया | जैसे-जैसे आगे बढ़ता गया इस महासागर मे एक से बढ़कर एक ज्ञान के रत्न मिले | वैदिक, केपी, हस्तरेखा, डाउजिंग, रेकी, वास्तु, रमल, टेरोट जैसे अद्भुत गूढ संसार मे मन-मस्तिस्क मग्न हुआ |