अरुण तिवारी हैदराबाद में डिफेंस रिसर्च इंटिग्रेशन डेवलपमेंट लेबोरेट्री (डी.आर.डी.एल.) में मिसाइल वैज्ञानिक और पहली तीन आकाश मिसाइल वैकासिक उड़ानों में वे एयरफ्रेम डिज़ाइनर और प्रोजेक्ट मैनेजर (सिस्टम इंटिग्रेशन)I 1992 में डॉ. कलाम ने प्रो. तिवारी को डी.आर.डी.ओ. का प्रोग्राम डायरेक्टर बना दिया, जिसका उद्देश्य रक्षा प्रौद्योगिकी के असैनिक लाभकारी उत्पाद तैयार करना था I डॉ. कलाम की टीम में रहते हुए उन्होंने टेलिकम्यूनिकेशन्स कनसल्टेंट्स इंडिया लिमिटेड (टी.सी.आई.एल.) के पैन-अफ्रीका ई-नेटवर्क की पहली लिंक स्थापित की I यह नेटवर्क अब अफ़्रीका महाद्वीप के विश्वविद्यालयों व् अस्पतालों से जोड़ता है I 1992 में अरुण तिवारी, डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम की आत्मकथा विंग्स ऑफ़ फायर के सहलेखक रहे I अब तक वे बारह पुस्तकें लिख चुके हैं I अरुण तिवारी वर्तमान में रक्षा क्षेत्र में एफ़.डी.आई. का ब्लूप्रिंट तैयार करने और भारत में डिफ़ेंस टेक्नोलॉजिकल इंडस्ट्रियल बेस ( डी.टी.आई.बी.) के निर्माण हेतु परामर्श दे रहे हैं I वे हैदराबाद विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ़ मैनेजमेंट साइंसेस में ऐजंक्ट प्रोफेसर भी हैं I