Bhor Ki Kirne: Poetry

· Uttkarsh Prakashan
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Um þessa rafbók

हृदय सागर में विचार सलिल का मंथन एक शाश्वत प्रक्रिया है। इस सागर मंथन से कविता के विविध रत्नों का आविर्भाव होता है जो हमें गीत, गज़ल, दोहा, मुक्तक, चैकड़ियां घनाक्षरी आदि के रूप में सुनने-पढ़ने को मिलते रहते हैं। काव्य सर्जना वस्तुतः रचनाकार की एकांत साधना है। कुछ स्वान्तः सुखाय और कुछ देश और मानवता के लिए समर्पित। पौराणिक काल से लेकर वर्तमान काल के परिदृश्य तक सनकादि क्षेत्र संेवढ़ा में साहित्य सर्जना के समृद्ध सूत्र उपलब्ध होते हैं। सिंध नदी का प्राकृतिक पुरातात्विक वैभव, धर्म, संस्कृति, कला और साहित्य सदैव ही कवियों के लिये आकर्षण का केन्द्र रहे हैं। इसी विरासत को सहेजने का कार्य साहित्य रचना के माध्यम से संेवढ़ा के कवियों के द्वारा किया जाता रहा है। साहित्य सर्जना की एक अटूट कड़ी सेंवढ़ा के वर्तमान युवा पीढ़ी के कवियों के रूप में दिखलाई पड़ती है। यहां के युवा पीढ़ी के कवि लेखक पद्य और गद्य की विविध विधाओं में साहित्य सृजन कर रहे हैं। युवा कवियों, साहित्यकारों के समुदाय द्वारा सेंवढ़ा में गत वर्ष ‘युवा साहित्यकार मंच’ की स्थापना के माध्यम से एक साहित्यिक मंच तैयार किया है और इस मंच से जुड़े युवा कवियों की कविताओं का एक संकलन प्रथम पुष्प गुच्छ के रूप में पाठकों और श्रोताओं को भेंट करने का उपक्रम किया है। ‘युवा साहित्यकार मंच’ संेवढ़ा के कवियों की रचनाओं के इस संकलन में ग्यारह युवा कवियों की श्रेष्ठ रचनायें संकलित की गई हैं। इस प्रकाशन से युवा साहित्यकारों में आत्मविश्वास और प्रेरणा का जागरण होगा तथा भविष्य में उनकी रचनाओं और अधिक परिमार्जित रूप में सामने आएंगी। हमारा विश्वास है कि युवा साहित्यकार मंच का यह प्रयास नए रचनाकारों को ऊर्जा प्रदान करेगा। ‘भोर की किरणें’ संग्रह के विषय में हमारे क्षेत्रीय विधायक माननीय प्रदीप अग्रवाल जी एवं प्रसिद्ध समाजसेवी और भाजपा नेता एवं ग्रामीण विकास प्रकोष्ठ के अध्यक्ष श्री अवधेश नायक ने आशीर्वाद दिया है तथा शुभकामना संदेश दिया है, इस हेतु संपादक मण्डल उनके प्रति आभार व्यक्त करता है। वरिष्ठ साहित्यकार एवं कथाकार डाॅ0 कामिनी, प्रसिद्ध गीतकार श्री राजेश शर्मा, श्री बृजेश श्रीवास्तव, श्री जगत शर्मा, रामस्वरूप, श्री विनोद मिश्र ‘सुरमणि’ श्री सुरेश शर्मा पटैल अध्यक्ष गांधी पुस्तकालय सेंवढ़ा, कवि साहित्यकार श्री टी.आर. शर्मा, राजगोस्वामी, श्री बृजेश द्विवेदी ‘अमन’ ने अपनी शुभकामनायें अर्पित कर हमारा हौंसला बढ़ाया है। इस हेतु हम उनके प्रति आभार व्यक्त करते हैं। युवा साहित्यकार मंच के अध्यक्ष, संयोजक, उपाध्यक्ष, कोषाध्यक्ष, सचिव, सहसचिव, सहित सम्पूर्ण कार्यकारिणी सदस्यों की एकता, लगन एवं सहयोग का प्रतिफल है यह संकलन ‘भोर की किरणें’ । सभी विद्वानों, साहित्यकारों एवं शुभैषियों के प्रति बहुत-बहुत सम्मान और आभार । 

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