Biyabano Mai: Poetry

· Uttkarsh Prakashan
4.2
4 Rezensionen
E-Book
96
Seiten
Bewertungen und Rezensionen werden nicht geprüft  Weitere Informationen

Über dieses E-Book

गीत आम जन-जीवन की सुख-दुःखात्मक अनुभूतियों, स्थितियों, आशा- निराशा, पीड़ा, बोध, विषमता आदि के सत्त संघर्षण से सहज उद्बुद्ध होता है। डाली पर पके हुए फल की भांति जब भाव स्वतः स्फूर्त होकर गीत बनकर उतरते हैं, तब उनका आस्वाद अद्भुत होता है। छंद, लय, आरोह-अवरोह, प्रतीक, बिम्ब आदि की नवता गीत-नवगीत को युगानुकूल स्वरूप प्रदान करती है। इस संग्रह के गीत मानवीय संवेदनाओं को यथार्थ रूप में अभिव्यक्त करते हैं। इन गीतों की भावभूमि को निम्नांकित पंक्तियों से समझा जा सकता है- दर्द यहां पर मीठा-मीठा पोर-पोर बहता है। भीतर की सब दुकी छिपी को खुले आम कहता है।। उसी दर्द को इन छोटे गीतों में रख बांटा है। जो डगमग-डगमग जीवन पथ पर बढ़ता रहता है।। दरदमंद के लिए दुआ है बेदरदी घबराये। इसीलिये ये गीत आपका हाल पूछने आये।। मेरे गीत मेरे गीतकार मित्रों की शुभकामनाओं और गीतों के लिए उर्बर परिवेश का प्रतिफल है। डाॅ0 सीता किशोर खरे, डाॅ0 हुकुम पाल सिंह ‘विकल’, दिवाकर वर्मा, आचार्य गंगाराम शास्त्री, मानस मृगेश गोस्वामी आज हमारे बीच नहीं हैं। उनकी स्वस्थ और सुलझी हुई विचारधारा ने मेरी गीति सृष्टि को सदैव प्रभावित किया। कथाकार डाॅ0 कामिनी, गीतकार रामस्वरूप ‘स्वरूप’ डाॅ0 हरिशंकर शर्मा, श्री टी.आर. शर्मा की साहित्यिक टिप्पणियों ने मुझे आगे बढ़ने की प्रेरणा दी है। सेंवढ़ा के साहित्यिक पटल पर जिस युवा पीढ़ी ने दस्तक दी है, उससे हिन्दी साहित्य की विविध विधाओं में रचना की उम्मीद जाग गई है। गीत, ग़ज़ल, दोहा, धनाक्षरी, मुक्तक, कहानी, लेख, संस्मरण आदि विधाओं में जो साहित्य यहाँ रचा जा रहा है, वह राष्ट्रीय स्तर का है, इसमें कोई संदेह नहीं है। ‘बियाबानों में’ गीत संग्रह में नए-पुराने लगभग साठ गीत संग्रहीत किये जा रहे हैं। इन गीतों का शिल्प गीत, नवगीत और पारम्परिक गीत के शिल्प पर आधारित है। ये गीत प्रकाशन की वाट ही जोहते रहते, यदि गीतकार ग़ज़लकार राकेश श्रीवास्तव तथा अमित खरे ने इनको संकलित कर पाण्डुलिपि का रूप न दिया होता। श्रेष्ठ नवगीतकार बृजेश चंद्र श्रीवास्तव ने ‘बियाबानांे में’ गीत संग्रह की भूमिका लिखने का अनुग्रह स्वीकार किया। इसी प्रकार गीत विधा के सशक्त हस्ताक्षर राजेश शर्मा ने इस संग्रह के गीतों के विषय में अपनी शुभकामनायें दी हैं। इन दोनों विभूतियों के प्रति मैं स्नेह पूर्ण आभार भाव व्यक्त करता हूँ। सभी सहयोगी कवि मित्रों की शुभकामनायें सदैव मेरा संबल रहीं हैं। मैं सदैव उनके स्नेह भावों के लिए आभारी हूँ।

Bewertungen und Rezensionen

4.2
4 Rezensionen

Dieses E-Book bewerten

Deine Meinung ist gefragt!

Informationen zum Lesen

Smartphones und Tablets
Nachdem du die Google Play Bücher App für Android und iPad/iPhone installiert hast, wird diese automatisch mit deinem Konto synchronisiert, sodass du auch unterwegs online und offline lesen kannst.
Laptops und Computer
Im Webbrowser auf deinem Computer kannst du dir Hörbucher anhören, die du bei Google Play gekauft hast.
E-Reader und andere Geräte
Wenn du Bücher auf E-Ink-Geräten lesen möchtest, beispielsweise auf einem Kobo eReader, lade eine Datei herunter und übertrage sie auf dein Gerät. Eine ausführliche Anleitung zum Übertragen der Dateien auf unterstützte E-Reader findest du in der Hilfe.