Deodaron ke Saaye Mein

· Manjul Publishing
3,9
8 avis
E-book
148
Pages
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À propos de cet e-book

आवाज़ दो हम एक हैं' हिंदी में जां निसार अख़्तर की आज भी जवान शायरी की पहली मुकम्मल किताब है, जो उनके शायराना मिज़ाज और कलंदराना अंदाज़ से हिंदी के पाठकों को रूबरू कराएगी I उर्दू में प्रकाशित उनकी सभी 6 किताबों से ली गई चुनिंदा रचनाओं को संपादित कर यह संकलन तैयार किया गया है I लगभग आधी सदी पहले लिखी गई उनकी शायरी अपनी पूरी चमक के साथ मौजूद है, और हिंदी जगत को इस गौरव, ख़ुशी और उम्मीद के साथ समर्पित है कि यह अदब के एक बड़े फ़नकार का सही मायने में परिचय करा पाएगी I 

Notes et avis

3,9
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À propos de l'auteur

रस्किन बॉण्ड का जन्म 19 मई 1934 को हिमाचल प्रदेश के कसौली के एक फ़ौजी अस्पताल में हुआ था। इनकी परवरिश शिमला, जामनगर, मसूरी, देहरादून तथा लंडन में हुई। आज-कल वे अपने परिवार के साथ देहरादून जिला में रहते है। वे अग्रेज़ी मूल के लेखक हैं। उन्होने बिशप कॉटन नामक धर्मशाला में अभ्यास किया। 1999 में भारत सरकार ने उन्हें साहित्य के क्षेत्र में उनके योगदानों के लिए पद्म श्री से सम्मानित किया। 2014 में उन्हें पद्म भूषण और 'अॅवर ट्रीज़ स्टिल ग्रो इन देहरा' के लिए उन्हंह साहित्य अकादमी पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया है ।

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