हरएक का दिल कुछ न कुछ कहना चाहता है लेकिन कितने लोग ऐसे हैं जो दिल की बात कह पाते हैं? वो दिल की बात दिल में ही रह जाती है| बिना कही बात का कोई अर्थ नहीं निकलता, क्योंकि जिससे कहने के लिए दिल किया उससे कही ही न गयी| यही होती हैं दिल की अनकही बातें| कुछ ऐसी ही बातों को कहती और समझाती ये काव्य/कहानी संग्रह आपको एक अलग आबोहवा में ले जाएग़ा और आपको ऐसी ही कुछ बातों का एक बार फिर से स्मरण दिलायेगा जो आप किसी से कह न सके थे|
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