प्रस्तुत पुस्तक अवधी भाषा के प्रचलित मुहावरे और लोकोक्तियों का संग्रह है। यह पुस्तक न तो सऌपूर्ण मुहावरों का वृहद्कोश है और न हम ऐसा दावा करते हैं। मुहावरे भाषा की जीवंतता को दरशाते हैं। किसी बात को सही तरीके से बताने के लिए मुहावरे और लोकोक्तियों का सहारा लिया जाता है। प्रायः किसी बात के मर्म को बताने के लिए लऌंबे विवरण के बजाय मुहावरे या लोकोक्तियों के द्वारा सुगमता से और शुद्ध रूप में बताया जा सकता है। मुहावरे समाज की स्थितियाँ भी बताते हैं। मुहावरे और लोकोक्तियों में भेद किया जा सकता है। मुहावरे छोटे और किसी विशेष बात के संदर्भ; दृष्टांत या निष्कर्ष से बने होते है और धीरे-धीरे प्रचलित हो जाते हैं; जिनका उपयोग भाषा में सऌंप्रेषण के साथ-साथ चुटीलापन भी प्रदान करता है। लोकोक्ति किसी पूर्व घटना की उपमा या दृष्टांत होने के साथ-साथ कुछ उपदेश या ज्ञान की बात भी बताती है। मुहावरे आज भी गढे़ जा रहे हैं; जो प्रायः मीडिया व फिल्म के माध्यम से लोगों तक पहुँचते हैं; पर वही मुहावरे जीवित रह पाते हैं; जो लोगों की जबान पर चढ़ जाते हैं।
प्रस्तुत पुस्तक में ठेठ अवधी मुहावरों के साथ-साथ हिंदी-उर्दू में प्रचलित मुहावरों का भी समावेश किया गया है। पुस्तक के अंतिम अध्याय में इन सभी मुहावरों और लोकोक्तियों को अक्षरानुसार सूचीबद्ध किया गया है; जिससे किसी भी मुहावरे को ढूँढ़ने में आसानी रहे। यह पुस्तक सामान्य पाठकगण; भाषाविद् तथा भाषा के शोध छात्रों में समान रूप से उपयोगी सिद्ध होगी।Awadhi Muhavare Evam Lokoktiyan (Hindi Edition) by Dr. G.S. Shrivastava is likely a book that explores the richness of the Awadhi language through its idioms and proverbs. The author may delve into the cultural and linguistic aspects of Awadhi, offering insights into the language's expressions and sayings.
Key Aspects of the Book "Awadhi Muhavare Evam Lokoktiyan":
Cultural Exploration: The book may provide a cultural exploration of Awadhi language and its significance in the region.
Linguistic Insights: It might offer linguistic insights into the idiomatic expressions and proverbs commonly used in Awadhi.
Preservation of Heritage: The author could emphasize the importance of preserving linguistic heritage through the study of idioms and sayings.
Dr. G.S. Shrivastava likely invites readers to discover the linguistic and cultural richness of Awadhi in "Awadhi Muhavare Evam Lokoktiyan (Hindi Edition)."