Vaidik Sahitya Me Paryavran Sanrakshan-Ek Aitihasik Adhyyan

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भारतीय सांस्कृतिक परिप्रेक्ष्य में वैदिक साहित्य का सर्वाधिक महत्त्व ज्ञातव्य है। वैदिक साहित्य में अनेक स्थलों पर पर्यावरण संरक्षण व पर्यावरण परिशोधन से संबंधित प्रामाणिक विचार विभिन्न सूक्तों, मंत्रों, ऋचाओं और स्तुतियों में उपलब्ध होते हैं। वेदों में प्राकृतिक, सामाजिक तथा सांस्कृतिक पर्यावरणीय संरक्षण एवं प्रदूषण-परिशोधन के निर्देश उपलब्ध होते हैं। सम्पूर्ण वैदिक, पौराणिक, औपनिषदिक और समग्र सांस्कृतिक वाङ्मय में सांस्कृतिक मनीषा ने समूची प्रकृति के समस्त घटकों को देवतुल्य मानकर उनकी रक्षा हेतु विधान प्रस्तावित किए। प्राकृतिक पर्यावरणीय संतुलन को बनाए रखने के लिए जनसामान्य की धार्मिक आवश्यकता से इन विधानों को जोड़ा गया। वस्तुतः पर्यावरण-संरक्षण और परिशोधन को सांस्कृतिक क्रिया-कलाप तथा धर्म से जोड़ने के पीछे कितने सूक्ष्म रहस्य तथा कितने ही सूक्ष्म तत्त्व अन्तर्निहित हैं, जिनका वैज्ञानिक महत्त्व हमें भारतीय सांस्कृतिक वाङ्मय के सम्यक् अवलोकन से ज्ञात होता है। प्रस्तुत पुस्तक में इस बात को परिलक्षित किया गया है कि भारतीय संस्कृति के परम उदात्त उज्ज्वल स्वरूप का यदि गहन-गंभीर चिंतन किया जाए तो यह स्पष्टरूपेण दर्शित होगा कि हमारे पुरातन ऋषि-मुनिजनों, धीर पुरुषों व तत्त्वज्ञ धर्माचार्यों ने सांस्कृतिक वाङ्मय की यथेष्ठ सुरक्षा के साथ पर्यावरण परिशोधनपरक नितान्तरूपेण शास्त्रों में पर्याप्त विश्लेषण किया है।

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Capt.DR. RAJENDRA
March 2, 2023
Excellent Book on Environment awareness during Vedic age
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About the author

नाम: डॉ. राजेन्द्र कुमार पुरोहित

पिता का नाम: डॉ. जेठूसिंह पुरोहित

माता का नाम: श्रीमती सविता देवी

जन्मतिथि: 08 दिसम्बर, 1971 ई.

शिक्षा: एम.ए. (इतिहास, प्राचीन भारत) 1993 ई., पीएच. डी (2014 ई.) प्राचीन भारतीय संस्कृति में पर्यावरण संरक्षण: एक ऐतिहासिक सर्वेक्षण, महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय, बीकानेर

अनुभव: 26 वर्षों का स्नातक और स्नातकोत्तर अध्यापन

संप्रति: सह-आचार्य और विभागाध्यक्ष, इतिहास, राजकीय बांगड़ महाविद्यालय, पाली (राज.)कैप्टन: 6 राज. एन.सी.सी. बटालियन, जोधपुर

प्रकाशित शोध पत्र:

1. उपनिषदों में वर्णित वैश्विक शांति और पर्यावरण संरक्षण: एक अध्ययन

2. रामायण का परिचय एवं सांस्कृतिक महत्त्व: एक ऐतिहासिक अध्ययन

3. पुराणों में पर्यावरण संरक्षण- भूमि और वायु प्रदूषण निवारण

4. वैदिक साहित्य में पर्यावरण संरक्षण हेतु वनस्पति-जन्तु संरक्षण की अवधारणा

5. जैन धर्म में पर्यावरण संरक्षण विषयक जल प्रदूषण निवारण की अवधारणा

6. वैदिक साहित्य में पर्यावरण संरक्षण और भूमि प्रदूषण निवारण के उपाय

7. वाल्मीकि रामायण में पर्वत, नदी, समुद्र और वन परितंत्र- एक विवेचना

8. यज्ञ और पर्यावरण संरक्षण


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