Jharkhand Mein Sushasan: Jharkhand Mein Sushasan by Faisal Anurag, Ghanshyam, Sunil Minz - Governance and Development in Jharkhand

· Prabhat Prakashan
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झारखंड में सुशासन
मानव के उद‍्भव और विकास के लाखों वर्षों का इतिहास उत्क्रांति, संस्कृति, सभ्यता और व्यवस्था का इतिहास रहा है। प्राकृतिक और पाशविक अवस्था से उत्क्रमित होते हुए मानव समुदाय ने उद‍्भव और विकास के कई दौर देखे हैं, कई प्रलय और संहारों का सामना किया है। बावजूद इसके इनसान अभी न सिर्फ जीवित है, बल्कि अन्य प्राणियों के मुकाबले ज्यादा सुविकसित है।
स्वतंत्र और स्वशासी लोकतंत्र महज एक व्यवस्था का नाम नहीं है, बल्कि वह एक संस्कृति है। लोकतंत्र की संस्कृति और संस्कृति में लोकतंत्र अगर सीखना हो तो भारत सहित दुनिया के उन तमाम आदिवासी-मूलवासियों की ओर झाँकना पड़ेगा, जो पिछले हजारों वर्षों से अपने लोकतंत्र की रक्षा के लिए संघर्षरत रहे हैं। इसी संघर्ष की परंपरा एवं लोकतंत्र की स्वशासी, स्वावलंबी और स्वाभिमानी संस्कृति व व्यवस्था को इस पुस्तक में विद्वान् लेखकों ने समझने व समझाने का प्रयास किया है।
इस पुस्तक से न सिर्फ झारखंड और अपने देश के शासकों को एक दिशा मिलेगी, बल्कि दुनिया चलानेवाले नीति-निर्धारकों को भी एक रास्ता मिलेगा, एक अवधारणा मिलेगी। नए झारखंड से नए भारत और नए भारत से नई दुनिया, जो शोषण, दमन और अन्याय से मुक्‍त दुनिया होगी, का सपना देखनेवालों के लिए यह पुस्तक निश्‍चय ही एक आदर्श मार्गदर्शिका बनेगी।

Jharkhand Mein Sushasan by Faisal Anurag, Ghanshyam, Sunil Minz explores governance and development in Jharkhand. Understand the state government's efforts in public policy, socio-economic progress, infrastructure development, and welfare programs. Discover the challenges and achievements in regional development and inclusive growth.

Delve into the intricacies of governance and development in Jharkhand with Jharkhand Mein Sushasan. Authored by Faisal Anurag, Ghanshyam, and Sunil Minz, this comprehensive book sheds light on the political landscape, administrative challenges, and socio-economic progress of Jharkhand. Gain valuable insights into the state's transformation and the efforts made towards inclusive growth and good governance.

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About the author

सुनील मिंज स्वतंत्र पत्रकार, लेखक, शोधकर्ता, चिंतक एवं मानवाधिकार कार्यकर्ता; आदिवासियों के मुद‍्दे पर दो सौ से अधिक शोधपरक आलेख लिखे। ‘तुम मुझे नहीं रोक सकते’ तथा ‘लुटती जिंदगी घुटता बचपन’ पुस्तकें प्रकाशित; कई पुस्तकों का संपादन किया। लेखन के लिए एन.एफ.आई. मीडिया फेलोशिप अवार्ड से सम्मानित। संप्रति : झारखंड ह्यूमन राइट्स मूवमेंट के अध्यक्ष। घनश्याम वरिष्‍ठ समाजकर्मी एवं पर्यावरण विशेषज्ञ। ‘एक तरीका’, ‘नगाड़ा’ तथा ‘जनवाणी’ मासिक पत्रिका के संयुक्‍त संपादक। ‘अभियान’ त्रैमासिक का संपादन। ‘दृष्‍टि-दिशा’, ‘जब नदी बँधी’, ‘झारखंड विचार पर विमर्श’, ‘तालाब झारखंड’, ‘देशज गणतंत्र’, ‘मरता पानी—मारता पानी’, ‘इंडिजिनोक्रेसी’ पुस्तकों का लेखन-संपादन। फैसल अनुराग वरिष्‍ठ पत्रकार, लेखक, चिंतक एवं आदिवासी विषयों के विशेषज्ञ; ‘जनहक’ पत्रिका के संस्थापक संपादक। करीब बाईस पुस्तकों का लेखन व संपादन, जिनमें ‘झारखंड दिशुम गाथा’, ‘झारखंड का दार्शनिक एवं सांस्कृतिक विमर्श’, ‘संताल हूल : प्रतिरोध की चेतना’, ‘क्षेत्रीय पत्रकारिता के ग्लोबल फलक’, ‘सेक्यूलर भारत की विवेक चेतना बनाम सांप्रदायिक फासीवाद’ चर्चित।

Jharkhand Mein Sushasan by Faisal Anurag, Ghanshyam, Sunil Minz explores governance and development in Jharkhand. Understand the state government's efforts in public policy, socio-economic progress, infrastructure development, and welfare programs. Discover the challenges and achievements in regional development and inclusive growth.

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