जी. एन. मिश्रा अध्यक्ष, समाजशास्त्र विभाग, भारत सेवक समाज महिला महाविद्यालय जो विनोद बिहारी महतो कोयलांचल विश्वविद्यालय धनबाद से संबद्ध एक इकाई है, में विगत 36 वर्षों से अध्यापन कार्य कर रहे हैं। विद्यार्थी जीवन के पश्चात इन्होंने अधिवक्ता के रूप में पटना उच्च न्यायालय से अपना कार्य प्रारंभ किया। पत्रकारिता से रुचि के परिणाम स्वरूप कई पत्र पत्रिकाओं में लेखन तथा संपादन कार्य से भी जुड़े रहे। उनके उत्कृष्ट लेखन के लिए विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ द्वारा 'विद्यासागर' सम्मान से भी सम्मानित किया गया। अपनी विशिष्ट विचारधारा तथा विशिष्ट पहचान को बनाए रखने के लिए उनकी भारतीय राजनीति के एक विशिष्ट दल से सम्बद्धता भी रही। वे सदैव समानता और सद्भाव के पक्षधर रहे, और धार्मिक कट्टरता, जातिवाद, अंधविश्वास आदि के विरोध में आवाज भी उठाते रहे हैं। सामाजिक बुराइयों के विरुद्ध विभिन्न गैर सरकारी संगठनों के साथ अपनी आवाज को बुलंद भी किया। गांधी की सच्चाई, नेहरू की दूरदर्शिता और पटेल की दृढ़ता से वे काफी प्रभावित रहे हैं।
आदित्य कुमार ठाकुर वर्तमान में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, रूड़की के सिविल इंजीनियरिंग विभाग मेंपीएचडी कर रहे हैं। उनका शोध क्षेत्र सिविल और माइनिंग इंजीनियरिंग से संबंधित है। उन्हें गणित में शोध कार्य के लिए GUJCOST विशेष मान्यता पुरस्कार और IRIS रजत पदक से भी सम्मानित किया गया है। नए प्रकार के जल मीटर का आविष्कार करने के लिए उन्होंने S.I.H ग्रैंड पुरस्कार जीता। मुजफ्फरपुर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी मुजफ्फरपुर से बी.टेक और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (इंडियन स्कूल ऑफ माइन्स) धनबाद से एम.टेक की अपनी मजबूत शैक्षणिक पृष्ठभूमि के साथ, उन्हें हिंदी साहित्य और अन्य सामाजिक विज्ञान विषयों में गहरी रुचि है। उन्होंने अपनी पहली किताब 'अस्मिता' लिखी है, जो उनकी कविताओं का संकलन है। उन्होंने कई प्रसिद्ध संस्थानों और कवि सम्मेलनों में अपनी कविता का पाठ किया है। उनका लेखन अक्सर मानव व्यवहार, भावनाओं और प्रकृति के साथ व्यक्तियों के संबंध की जटिलताओं पर प्रकाश डालता है।