यह उपन्यास भारत की आजादी के पूर्व की पृष्ठभूमि में सेट मुंशी प्रेमचंद की सबसे प्रतिष्ठित उपन्यासों में से एक है। इस कहानी में नैतिक रूप से कमजोर युवक रमानाथ अपनी खूबसूरत पत्नी की लालसा को पूरा करने के क्रम में जटिल आर्थिक संकट में फसकर पलायनवादी हो जाता है...