इनकी संकलित-सम्पादित किताब 'गुलज़ार : नज़्में, ग़ज़लें, गीत, त्रिवेणी' गुलज़ार साहब को चाहनेवालों के लिए गौहरे-नायाब है। हाल ही में प्रकशित होनेवाली किताब 'जगजीत सिंह की मधुर आवाज़ में अमर होनेवाली ग़ज़लें, नज़्में, गीत' मौसीक़ी और उर्दू ज़बानो-अदब में रुचि रखनेवालों के लिए तोहफ़े से कम नहीं। इनकी सम्पादित किताब 'कुल्लियाते सैयद मुबारक शाह' आध्यात्मिक जगत में विचरण करनेवालों के लिए राहनुमा साबित हो सकती है। इनका नया शाहकार 'गौतम को निर्वाण मिला था' उस वृत्तान्त पर आधारित है जो थाईलैंड की वादियों में गौतम की मुहब्बत में लिखी गयी है।