HAUSLA...: KUCHH KAR GUZARNE KA

·
Geel Infix Publishing Services
4,9
24 críticas
Livro eletrónico
136
Páginas
As classificações e as críticas não são validadas  Saiba mais

Acerca deste livro eletrónico

समय- दो महीने, परिचय- अनजान, ख़ोज- दो युवा कवि। जुनून- युवा दिल और प्रेम की चाहत रखने वाले हर शख़्स के जज़्बात को सही राह दिखाना। चुनौती बड़ी थी पर हमारी फ़ितरत से ज़्यादा नहीं। समझदारी बढ़ने के साथ-साथ कुछ अलग करने की ज़िद ने ही हमें साहित्य की समझ के साथ काव्य का शौखिया बनाया। इस काव्य संग्रह को 2 महीने में लिखने का लक्ष्य रखा गया। शुरुआती कुछ दिन गुज़रने के बाद यह आसान नहीं लगा परंतु ज़िद ने इसे सफल बनाया। विषय वस्तु चुनने की चुनौती कुछ अलग थी, पर विचार-विमर्श के बाद ख़्याल आया कि क्यों न चाहत और प्रेम में भरोसा रखने वाले उस हर व्यक्ति के जज़्बात को लिखा जाये, जो बिल्कुल सत्य और परिशुद्ध हों। अंततः चुनौती के तौर पर मैं ज्ञानेंद्र सिंह जब अपना रचयिता सहपाठी खोज रहा था, उस समय मेरे पास कई चुनाव थे। परंतु मेरी नज़र विपिन पर पड़ी, जिसकी जिज्ञासा और साहित्य प्रेम ने मेरे दिल को छुआ। फलस्वरूप विचार आया कि साहित्य में रुचि और जिज्ञासु उस हर व्यक्ति को कल्पनाओं की गहराइयों का आभास कराना किसी भी चुनौती पर फतह करने जैसा है। यह किताब चुनौतियों और बाधाओं को मात देने का जीवंत उदाहरण है। 


Classificações e críticas

4,9
24 críticas

Acerca do autor

कवि -ज्ञानेंद्र सिंह "ज्ञानू"

अपनी ज़िन्दगी से संतुष्ट, संवेदनशील किंतु हर स्थिति में सकारात्मकता के साथ हँसमुख ज़िन्दगी जीने की प्रवृत्ति। प्राथमिक शिक्षा का सफ़र उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिला धाता क्षेत्र के सरस्वती शिशु मंदिर से शुरू हुआ। सन 2002-2008 तक जवाहर नवोदय विद्यालय फतेहपुर, उत्तर प्रदेश से अपने भविष्य की प्रस्तावना लिखी। 11 साल सफलतापूर्वक भारत सरकार को सेवार्थ हो, लिखने का अजब शौक पाले मौज मस्ती के साथ ज़िन्दगी जिया। कल का पता नहीं। कवि होने का भ्रम पाल कर काव्य को अपना हुनर बनाया।

कवि - विपिन

ज़िन्दगी का शुरुआती दौर उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर शहर में बीता। अवध विश्वविद्यालय की चिरस्मरणीय यादों के साथ स्नातक कब हो गया पता ही नहीं चला। पिछले आठ सालों से केंद्रीय कर्मचारी के रूप में सेवार्थ।

Classifique este livro eletrónico

Dê-nos a sua opinião.

Informações de leitura

Smartphones e tablets
Instale a app Google Play Livros para Android e iPad/iPhone. A aplicação é sincronizada automaticamente com a sua conta e permite-lhe ler online ou offline, onde quer que esteja.
Portáteis e computadores
Pode ouvir audiolivros comprados no Google Play através do navegador de Internet do seu computador.
eReaders e outros dispositivos
Para ler em dispositivos e-ink, como e-readers Kobo, tem de transferir um ficheiro e movê-lo para o seu dispositivo. Siga as instruções detalhadas do Centro de Ajuda para transferir os ficheiros para os e-readers suportados.