Haan Hum Hindu Hain

· Suruchi Prakashan
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 भारत में विश्व के सभी मानववंशों का अस्तित्त्व है। अफ्रीका के नेग्नोइड वंशीय लोग कर्नाटक, महाराष्ट्र, गुजरात व अंडमान द्वीपसमूहों में हैं, जो संपूर्ण रूप से अब भारतीय हो गये हैं। ये सभी भारत की व्यापक संस्कृति व सांस्कृतिक मूल्यों में समरस होकर इसका अभिन्न अंग बन गये हैं, यद्यपि उन्होंने अपनी कई मूल परंपराओं को भी कायम रखा है।

भारत की उत्तर, उत्तर-पूर्व व पूर्व दिशा की सीमाओं के पार मंगोलॉइड मानववंशों के राष्ट्र हैं। अतः इन वंश के लोगों का भारत में होना अत्यंत  स्वाभाविक है।

उनकी इच्छा-आकाँक्षा भारतीयों के साथ जीवन बिताने, उनके साथ समन्वय रखने व घुलमिल कर रहने की रही है। उनमें राष्ट्र की प्रगति व सुखशांति में अपना योगदान देने की प्रबल भावना है। इसलिए यह स्वाभाविक है कि भारत में प्राचीन काल से ही सभी संप्रदायों ने अपनी जीवन पद्धतियों व रीति-रिवाजों के साथ भारतीय परिवेश के प्रति समादर की दृष्टि रखी है। उनके श्रद्धा बिन्दु, पूजा, अर्चना, विधि-विधान, जीवन शैली - सभी हिन्दू धर्म व संस्कृति से प्रेरित हैं। ‘बंधुभाव’ उनकी जीवन शैली का आधार रहा है। भारत व हिन्दू समाज की ‘वसुधैव कुटुंबकम्’ की भावना में वे समरस हुए हैं। इसलिए विश्व के अनेक देशों के प्रताड़ित व्यक्ति व समाज ने लम्बे समय से, यहाँ तक कि अत्यंत आधुनिक कालखंड में भी भारत में आकर आश्रय लिया और अपने पारंपरिक जीवन, भाषा, संस्कृति, इत्यादि - सबको सुरक्षित रखने में वे सफल हुए।

   लेखक ने विभिन्न जनजातियों को बहुत निकट से देखा है। उन्होंने पाया कि सभी जनजातियों में ईश्वर के प्रति अपार श्रद्धा एवं विश्वास है। भारतीयता व हिन्दुत्व के प्रत्येक गुण जनजाति समाज में समाहित हैं। निस्संदेह उनके अंतःकरण से यह उद्घोष होना स्वाभाविक है- ‘हाँ, हम हिन्दू हैं!’

रेटिंग और समीक्षाएं

4.4
16 समीक्षाएं
Vivek Shukla
14 सितंबर 2021
जय श्री राम 🙏🏻🇮🇳🚩
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चंदन कुमार नाम चंदन कुमार
12 फ़रवरी 2020
भक
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