विदित ही है कि गौ माता के प्रत्येक अंग में देवताओं का वास है, अत: गौ माता संपूर्ण मानवजाति के उद्धार के लिए आई है। यह प्रत्यक्ष देवता है। भारत में अनादि काल से ही मुख्य कर्तव्य गौ पालन रहा है। प्राचीन काल में जिसके पास ज्यादा गाय होती थी, वही समृद्ध व संपत्तिशाली माना जाता था। यह बात विचारणीय है कि जब तक भारतवर्ष गौ संपदा से परिपूर्ण था तब तक संपूर्ण जगत के लिए आदर्श था और जब से गौ संपदा कम होने लगी, तभी से भारत का गौरव कम होने लगा।
भारत के स्वास्थ्य को स्वस्थ रखना है तो भारत की अस्मिता की रक्षा करनी होगी, छोटी-बड़ी बिमारियों से बचने के लिए गौ माता की शरण में जाना ही होगा।