Kalidas Bhavabhuti

· Nachiket Prakashan
৪.৮
৮টি রিভিউ
ই-বুক
88
পৃষ্ঠা
রেটিং ও রিভিউ যাচাই করা হয়নি  আরও জানুন

এই ই-বুকের বিষয়ে

 संस्कृत के श्रेष्ठ महाकवि कालिदास और भवभूति ने अपनी लेखनी में एकमात्र लोकधर्म को प्रमुख स्थान न देते हुए लोकरंजन और प्रेमतत्व को भी प्रमुखता से समाहित कर काव्यग्रंथ और नाटकों की रचना की। कालिदास एवं भवभूति ज्ञान सागर के समान है। जैसे सागर के मंथन से अमृत बाहर आया था, वैसे ही इनके साहित्य में काव्य कला पूर्ण उमंग के साथ प्रगट हुई है। 

     मानव मन में नई चेतना जागृत करने का सामर्थ्य कालिदास एवं भवभूति की लेखनी में है। इनके लेखनी ने विश्व के साहित्यिकों को एक नई दिशा दी है। भारतीय साहित्य को परिष्कृत करने एवं विश्व साहित्य के उत्कर्ष में इनका अमूल्य योगदान है। सदियों पहले रचित इनका साहित्य पढ़कर आज भी हम अपने को धन्य महसूस करते है । इनकी रचनाओं में साहित्य के महान गुणों की अनुभूति होती है एवं इनकी रचनाओं से एक उत्कृष्ट साहित्यिक सोच विकसित होने में भी सहायता मिलती है ।  

   महान साहित्यिकों के साहित्य से हमारे आंतरिक भाव परिष्कृत होते है। हमारे हृदय में सहृदयता का परिपोष होता है। हमारी भाषा समृद्ध, सुसंस्कृत एवं प्रभावी बनती है। श्रेष्ठ साहित्यिकों का राष्ट्र एवं विश्व के सांस्कृतिक उत्थान में महत्वपूर्ण योगदान होता है। इसीलिए जो साहित्यिक, इतिहास की कसौटी पर सही साबित होते हैं वें न केवल किसी राष्ट्र के लिए बल्कि संपूर्ण विश्व के लिए गौरव का विषय होते हैं।नये साहित्यिक सृजन की वें प्रेरणा होते हैं।

     इस ग्रंथ में कालिदास और भवभूति का तुलनात्मक दर्शन कराने का प्रयास किया गया है। विश्वास है कि सभी पाठक इसके माध्यम से कालिदास एवं भवभूति को कम समय में अधिक जान पायेंगे।

রেটিং ও পর্যালোচনাগুলি

৪.৮
৮টি রিভিউ

লেখক সম্পর্কে

१.नाम-ओंकारलाल चैतराम पटले

२.जन्म दिनांक -१० फरवरी१९४६.

३.जन्मभूमि-मोहाड़ी ,तहसील -गोरेगांव, जिला -गोंदिया (महाराष्ट्र) ४४१८०७.

४.कर्मभूमि-आमगांव जिला -गोंदिया(महाराष्ट्र) ४४१९०२.

५.शैक्षणिक योग्यता -एम.ए.(इतिहास), एम.ए.(राजनीति शास्त्र), एम.एड्. राजनीति शास्त्र विषय में नागपुर युनिवर्सिटी टाॅपर.

६.व्यावसायिक अनुभव - भवभूति महाविद्यालय , आमगांव में प्राध्यापक, श्री शंकरलाल अग्रवाल बी.एड् . काॅलेज गोंदिया में प्राचार्य.

‌७.प्रकाशित ग्रंथ -  

 (१) प्रतिबिंब (शिक्षण महर्षि लक्ष्मणराव मानकर गुरुजी जीवनचरित्र) - २०००.                   

(२) भवभूति अब गीतों में -२००४.    

(३)वीर राजे चिमना बहादुर के विशेष संदर्भ सहित-उत्तर मध्ययुगीन परगने कामठा (१७५१-१८१८) का इतिहास , इंडियन कौंसिल आफ हिस्टारिकल रिसर्च (ICHR),भारत सरकार द्वारा अनुदान प्राप्त ग्रंथ -२०१८.

‌(४) राजाभोज महाकाव्य -२०१९.

‌(५)पोवारी भाषा संवर्धन: मौलिक सिद्धांत व व्यवहार -२०२२.          .

(६)पोवारों का इतिहास (१६५८-२०२२)-२०२३.

(७) समाजोत्थान के मौलिक सिद्धांत -२०२३.

(८)राजा भोज का राजत्व -२०२३.

८. संशोधनात्मक लेख -

(१)भवभूति संबंधी लेख प्राचीन तीर्थ संरक्षिणी(लखनऊ),जैन बालादर्श (प्रयागराज), अमर उजाला (आगरा) में प्रकाशित.

(२) शिक्षण संबंधी लेख शिक्षण संक्रमण (पुणे) एवं शिक्षण समीक्षा (नागपुर) में प्रकाशित.

९.गीत रचना -स्वामी विवेकानन्द, स्वामी रामकृष्ण परमहंस एवं राष्ट्रीय विषयों पर रचित कविताएं केंद्र भारती (जोधपुर) तथा विवेक ज्योति (रायपुर) में प्रकाशन.

१०.आडिओ सी.डी. प्रकाशित - महाकवि कालिदास, महाकवि भवभूति, स्वामी रामकृष्ण परमहंस, भारत के कोहिनूर डाॅ.भीमराव आंबेडकर.

११. यूट्यूब चैनल - लेखक द्वारा रचित हिन्दू हैं हम संघ है, माता गढ़कालिका की आरती तथा पोवारी भाषा प्राचीन है,यह तीन गीत विभिन्न गायकों के स्वर में उपलब्ध है।

१२.दूरदर्शन साक्षात्कार -

(१) इ.टी.व्ही.की सह्याद्रि उपवाहिनी तथा रायपुर दूरदर्शन से महाकवि भवभूति के इतिहास संबंधी साक्षात्कार -२००३.

(२) यूट्यूब के झक्कास मराठी मिडिया द्वारा महाकवि भवभूति तथा वीर राजे चिमणा बहादुर के इतिहास का प्रसारण.-२०२२.

१३.अनुवादित ग्रंथ -महर्षि जैमिनी रचित एवं रामगोपाल अग्रवाल द्वारा प्रकाशित "अग्रभागवत" नामक संस्कृत ग्रंथ का मराठी अनुवाद.-२०१८.

१४. सामाजिक कार्य -           

(१)भवभूति रिसर्च अकॅडमि, आमगांव - अध्यक्ष (रजि.क्र.महा.२६७/२१०११ गोंदिया, महाराष्ट्र)

(२) पोवारी भाषिक क्रांति प्रणेता, सनातन हिन्दू धर्म एवं वैनगंगा तटीय पोवार समुदाय मे़ जनजागृति कार्य.

(३)वीर राजे चिमना बहादुर फाउंडेशन , गोंदिया के सक्रिय सदस्य.

१५.आगामी प्रकाशन -

(१) दिग्विजय महाकाव्य ( स्वामी विवेवकानन्द जीवन -चरित्र पर आधारित)

(२) गोंदिया जिले का स्वर्णिम इतिहास (१७५१-२०२२.)

(3) ग्राम दर्शन (Village Philosophy)

ই-বুকে রেটিং দিন

আপনার মতামত জানান।

পঠন তথ্য

স্মার্টফোন এবং ট্যাবলেট
Android এবং iPad/iPhone এর জন্য Google Play বই অ্যাপ ইনস্টল করুন। এটি আপনার অ্যাকাউন্টের সাথে অটোমেটিক সিঙ্ক হয় ও আপনি অনলাইন বা অফলাইন যাই থাকুন না কেন আপনাকে পড়তে দেয়।
ল্যাপটপ ও কম্পিউটার
Google Play থেকে কেনা অডিওবুক আপনি কম্পিউটারের ওয়েব ব্রাউজারে শুনতে পারেন।
eReader এবং অন্যান্য ডিভাইস
Kobo eReaders-এর মতো e-ink ডিভাইসে পড়তে, আপনাকে একটি ফাইল ডাউনলোড ও আপনার ডিভাইসে ট্রান্সফার করতে হবে। ব্যবহারকারীর উদ্দেশ্যে তৈরি সহায়তা কেন্দ্রতে দেওয়া নির্দেশাবলী অনুসরণ করে যেসব eReader-এ ফাইল পড়া যাবে সেখানে ট্রান্সফার করুন।