Kalidas Bhavabhuti

· Nachiket Prakashan
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 संस्कृत के श्रेष्ठ महाकवि कालिदास और भवभूति ने अपनी लेखनी में एकमात्र लोकधर्म को प्रमुख स्थान न देते हुए लोकरंजन और प्रेमतत्व को भी प्रमुखता से समाहित कर काव्यग्रंथ और नाटकों की रचना की। कालिदास एवं भवभूति ज्ञान सागर के समान है। जैसे सागर के मंथन से अमृत बाहर आया था, वैसे ही इनके साहित्य में काव्य कला पूर्ण उमंग के साथ प्रगट हुई है। 

     मानव मन में नई चेतना जागृत करने का सामर्थ्य कालिदास एवं भवभूति की लेखनी में है। इनके लेखनी ने विश्व के साहित्यिकों को एक नई दिशा दी है। भारतीय साहित्य को परिष्कृत करने एवं विश्व साहित्य के उत्कर्ष में इनका अमूल्य योगदान है। सदियों पहले रचित इनका साहित्य पढ़कर आज भी हम अपने को धन्य महसूस करते है । इनकी रचनाओं में साहित्य के महान गुणों की अनुभूति होती है एवं इनकी रचनाओं से एक उत्कृष्ट साहित्यिक सोच विकसित होने में भी सहायता मिलती है ।  

   महान साहित्यिकों के साहित्य से हमारे आंतरिक भाव परिष्कृत होते है। हमारे हृदय में सहृदयता का परिपोष होता है। हमारी भाषा समृद्ध, सुसंस्कृत एवं प्रभावी बनती है। श्रेष्ठ साहित्यिकों का राष्ट्र एवं विश्व के सांस्कृतिक उत्थान में महत्वपूर्ण योगदान होता है। इसीलिए जो साहित्यिक, इतिहास की कसौटी पर सही साबित होते हैं वें न केवल किसी राष्ट्र के लिए बल्कि संपूर्ण विश्व के लिए गौरव का विषय होते हैं।नये साहित्यिक सृजन की वें प्रेरणा होते हैं।

     इस ग्रंथ में कालिदास और भवभूति का तुलनात्मक दर्शन कराने का प्रयास किया गया है। विश्वास है कि सभी पाठक इसके माध्यम से कालिदास एवं भवभूति को कम समय में अधिक जान पायेंगे।

Ratings and reviews

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Powari Bhasha Vishva . Navi Kranti
24 July 2023
The author has very beautifully defined the mahakavi kalidas and bhawabhuti. He has also included here the beautiful heart touching songs (geet) which are written by himself on the both mahakavi. In all respects this is an interesting and remarkable book.यह ग्रंथ साहित्य संबंधी ज्ञान को समृद्ध करने में बहुत मददगार साबित होगा। क्योंकि इसमें इन दोनों श्रेष्ठ महाकवियों के काव्यकौशल का बहुत ही सरल एवं सुंदर शब्दों में विवेचन प्रस्तुत किया गया है। इस ग्रंथ से दोनों महाकवियों को जानने - समझने एवं उनके कावित्व का अनुसरण करने की प्रेरणा सभी साहित्य प्रेमियों को अवश्य मिलेगी ‌। यह ग्रंथ आजतक कालिदास और भवभूति पर लिखें गए सभी ग्रंथों में अद्वितीय (unique )है।♦️महाकवि कालिदास की कविता में मनोरम भाषा एवं रमणीय वर्णन से उत्पन्न मनमोहक सुंदरता मन को आनंद से भर देती है। महाकवि भवभूति की कविता नीति- धर्म का पाठ पढ़ाती‌ है और प्रेरणा देती है। इसलिए प्रस्तुत लेखक इन दोनों महाकवियों के कवित्व से अत्यधिक प्रभावित है। इसी कारण उसकी लेखनी से " कालिदास भवभूति" यह रोचक ग्रंथ साकार हुआ है।🔷
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Mahesh Kawale
14 July 2023
The author has very beautifully defined the mahakavi kalidas , bhavabhuti and their poetry in this book. l appreciate it.
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Rina Baghele
7 July 2023
The author has very beautifully define the mahakavi Kalidas and Bhavabhuti . I appreciated the book.
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About the author

१.नाम-ओंकारलाल चैतराम पटले

२.जन्म दिनांक -१० फरवरी१९४६.

३.जन्मभूमि-मोहाड़ी ,तहसील -गोरेगांव, जिला -गोंदिया (महाराष्ट्र) ४४१८०७.

४.कर्मभूमि-आमगांव जिला -गोंदिया(महाराष्ट्र) ४४१९०२.

५.शैक्षणिक योग्यता -एम.ए.(इतिहास), एम.ए.(राजनीति शास्त्र), एम.एड्. राजनीति शास्त्र विषय में नागपुर युनिवर्सिटी टाॅपर.

६.व्यावसायिक अनुभव - भवभूति महाविद्यालय , आमगांव में प्राध्यापक, श्री शंकरलाल अग्रवाल बी.एड् . काॅलेज गोंदिया में प्राचार्य.

‌७.प्रकाशित ग्रंथ -  

 (१) प्रतिबिंब (शिक्षण महर्षि लक्ष्मणराव मानकर गुरुजी जीवनचरित्र) - २०००.                   

(२) भवभूति अब गीतों में -२००४.    

(३)वीर राजे चिमना बहादुर के विशेष संदर्भ सहित-उत्तर मध्ययुगीन परगने कामठा (१७५१-१८१८) का इतिहास , इंडियन कौंसिल आफ हिस्टारिकल रिसर्च (ICHR),भारत सरकार द्वारा अनुदान प्राप्त ग्रंथ -२०१८.

‌(४) राजाभोज महाकाव्य -२०१९.

‌(५)पोवारी भाषा संवर्धन: मौलिक सिद्धांत व व्यवहार -२०२२.          .

(६)पोवारों का इतिहास (१६५८-२०२२)-२०२३.

(७) समाजोत्थान के मौलिक सिद्धांत -२०२३.

(८)राजा भोज का राजत्व -२०२३.

८. संशोधनात्मक लेख -

(१)भवभूति संबंधी लेख प्राचीन तीर्थ संरक्षिणी(लखनऊ),जैन बालादर्श (प्रयागराज), अमर उजाला (आगरा) में प्रकाशित.

(२) शिक्षण संबंधी लेख शिक्षण संक्रमण (पुणे) एवं शिक्षण समीक्षा (नागपुर) में प्रकाशित.

९.गीत रचना -स्वामी विवेकानन्द, स्वामी रामकृष्ण परमहंस एवं राष्ट्रीय विषयों पर रचित कविताएं केंद्र भारती (जोधपुर) तथा विवेक ज्योति (रायपुर) में प्रकाशन.

१०.आडिओ सी.डी. प्रकाशित - महाकवि कालिदास, महाकवि भवभूति, स्वामी रामकृष्ण परमहंस, भारत के कोहिनूर डाॅ.भीमराव आंबेडकर.

११. यूट्यूब चैनल - लेखक द्वारा रचित हिन्दू हैं हम संघ है, माता गढ़कालिका की आरती तथा पोवारी भाषा प्राचीन है,यह तीन गीत विभिन्न गायकों के स्वर में उपलब्ध है।

१२.दूरदर्शन साक्षात्कार -

(१) इ.टी.व्ही.की सह्याद्रि उपवाहिनी तथा रायपुर दूरदर्शन से महाकवि भवभूति के इतिहास संबंधी साक्षात्कार -२००३.

(२) यूट्यूब के झक्कास मराठी मिडिया द्वारा महाकवि भवभूति तथा वीर राजे चिमणा बहादुर के इतिहास का प्रसारण.-२०२२.

१३.अनुवादित ग्रंथ -महर्षि जैमिनी रचित एवं रामगोपाल अग्रवाल द्वारा प्रकाशित "अग्रभागवत" नामक संस्कृत ग्रंथ का मराठी अनुवाद.-२०१८.

१४. सामाजिक कार्य -           

(१)भवभूति रिसर्च अकॅडमि, आमगांव - अध्यक्ष (रजि.क्र.महा.२६७/२१०११ गोंदिया, महाराष्ट्र)

(२) पोवारी भाषिक क्रांति प्रणेता, सनातन हिन्दू धर्म एवं वैनगंगा तटीय पोवार समुदाय मे़ जनजागृति कार्य.

(३)वीर राजे चिमना बहादुर फाउंडेशन , गोंदिया के सक्रिय सदस्य.

१५.आगामी प्रकाशन -

(१) दिग्विजय महाकाव्य ( स्वामी विवेवकानन्द जीवन -चरित्र पर आधारित)

(२) गोंदिया जिले का स्वर्णिम इतिहास (१७५१-२०२२.)

(3) ग्राम दर्शन (Village Philosophy)

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