Kath Sarit Sagar

Diamond Pocket Books Pvt Ltd
3.0
6 समीक्षाएं
ई-बुक
235
पेज
रेटिंग और समीक्षाओं की पुष्टि नहीं हुई है  ज़्यादा जानें

इस ई-बुक के बारे में जानकारी

‘कथा सरितसागर’ के लेखक सोमदेव कश्मीरी ब्राह्मण थे। इस कथा ग्रंथ का रचना काल ग्यारहवीं शताब्दी रहा है। इस ग्रंथ की रचना कश्मीर की महारानी सूर्यमती के मनोविनोद के लिए की गई थी, ऐसा माना जाता है।

आकार की दृष्टि से कथा सरितसागर विश्व के दो प्रसिद्ध महाकाव्य ‘इलियड’ और ‘ओडिसी’ से प्रायः दुगुना है। यह ग्रंथ अठारह खंडों में विभक्त है, जिन्हें लंबक कहा जाता है। इनमें धार्मिक, पुनर्जन्म, राजा, राजकुमार आदि के साथ ही धूर्त, दुष्टों, मूर्खों, पाखंडियों आदि की भी रोचक कथाएं हैं। इन कथाओं की सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण बात यह है कि इनमें व्यर्थ के आदर्श को कहीं भी प्रश्रय नहीं दिया गया है अपितु ढोंगी साधुओं, राजकुलों के षड्यंत्रों आदि का यथार्थ चित्रण हुआ है। हां, कथा सरितसागर में एक कथा प्रसंग विशेष से दूसरी कथा का तथा दूसरी से तीसरी का जन्म होता है, जिससे प्रायः पाठक पूर्व कथा-प्रसंग को भूल जाता है, अतः इस हिंदी रूपांतर में प्रत्येक कथा को स्वतंत्र रूप में प्रस्तुत किया गया है।

रेटिंग और समीक्षाएं

3.0
6 समीक्षाएं
Deva Kumar
1 जुलाई 2022
5 3 बीबीबीडी ए झ9 पीबी
क्या इस जानकारी से आपको मदद मिली?

लेखक के बारे में

 

इस ई-बुक को रेटिंग दें

हमें अपनी राय बताएं.

पठन जानकारी

स्मार्टफ़ोन और टैबलेट
Android और iPad/iPhone के लिए Google Play किताबें ऐप्लिकेशन इंस्टॉल करें. यह आपके खाते के साथ अपने आप सिंक हो जाता है और आपको कहीं भी ऑनलाइन या ऑफ़लाइन पढ़ने की सुविधा देता है.
लैपटॉप और कंप्यूटर
आप अपने कंप्यूटर के वेब ब्राउज़र का उपयोग करके Google Play पर खरीदी गई ऑडियो किताबें सुन सकते हैं.
eReaders और अन्य डिवाइस
Kobo ई-रीडर जैसी ई-इंक डिवाइसों पर कुछ पढ़ने के लिए, आपको फ़ाइल डाउनलोड करके उसे अपने डिवाइस पर ट्रांसफ़र करना होगा. ई-रीडर पर काम करने वाली फ़ाइलों को ई-रीडर पर ट्रांसफ़र करने के लिए, सहायता केंद्र के निर्देशों का पालन करें.