Kinnar : Sex Aur Samajik Saweekaryta

· Vani Prakashan
5.0
3ଟି ସମୀକ୍ଷା
ଇବୁକ୍
200
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ଏହି ଇବୁକ୍ ବିଷୟରେ

भारत में किन्नरों का भी एक 'गोल्डन एरा' यानी कि स्वर्णकाल था। दरअसल किन्नरों को मुग़ल साम्राज्य में सबसे पहले अहमियत दी गयी थी। किन्नरों को महिलाओं के हरम की रक्षा की ज़िम्मेदारी दी जाती थी। मुग़ल साम्राज्य का मानना था कि किन्नर हमारे समाज का एक अहम हिस्सा हैं और इसलिए उन्हें इतनी बड़ी ज़िम्मेदारी सौंपी गयी। यह भी समझा जाता था कि महिलाओं को किन्नरों से किसी प्रकार का कोई ख़तरा नहीं था। किन्नर उनकी कई सेनाओं के जनरल भी थे तो कई रानियों के पर्सनल बॉडीगार्ड भी। भारत में किन्नरों की स्थिति यूरोप के किन्नरों से एकदम अलग थी, और है। भारत में किन्नरों का अलग मोहल्ला होता है जहाँ किन्नर एक साथ रहते हैं। किन्नर एक मामले में सबसे अलग हैं क्योंकि वे घरों में तभी आते हैं जब बेटा पैदा हो या फिर घर में नयी बहू आये। यानी कि किन्नर आपकी ख़ुशियों के साथी हैं। ग़म में कहीं दिखाई नहीं देते।

ମୂଲ୍ୟାଙ୍କନ ଓ ସମୀକ୍ଷା

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3ଟି ସମୀକ୍ଷା

ଲେଖକଙ୍କ ବିଷୟରେ

प्रियंका नारायण जन्म : 11 सितम्बर 1991, मोतिहारी, पूर्वी चम्पारण, बिहार। शिक्षा : स्नातक, परास्नातक, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, वाराणसी। शोध विषय : स्वामी विवेकानन्द का दिनकर के साहित्य पर प्रभाव, विभिन्न विषयों (हिन्दी, प्राचीन भारतीय इतिहास, संस्कृति एवं पुरातत्व एवं भूगोल में विश्वविद्यालय स्तर पर प्रथम स्थान)। अन्तर्विषयक शोध एवं लेखन में विशेष रुचि। पत्र-पत्रिकाओं, ब्लॉग पर प्रकाशित वैदिक एवं पौराणिक ग्रन्थों तथा आधुनिक विज्ञान के अन्तःसम्बन्धों की पड़ताल पर प्रयासरत। ई-मेल : [email protected]


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