Lafz Jo alfazon me badal gaye

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"लफ़्ज" जो अल्फाज़ बन गए "मुझ से खुशनसीब हैं मेरे लिखे हुए ये लफ्ज़, जिनको कुछ देर तक पढेगी, निगाह आपकी।।" मुझे बहुत खुशी महसूस हो रही हैं की लेखनी के माध्यम से आप सभी के पास पहुंचने का प्रयास कर रहा हूं।। मेरी किताब बच्चे व्यस्क और नौजवानों सभी लोगो को प्रभावित करेगी। इसमें हमने प्यार ,सामाजिक गतिविधि ,भारतीय नारियों पर , हौसला बढ़ाने वाली ,देशभक्ति ,भारतीय त्योहारों जैसे विषयों पर अपने लफ़्ज कविताओं के माध्यम से लिखा है।इसमें ऐसा कोई शब्द नहीं है जिससे किसी विशेष जाति ,धर्म, समुदाय को ठेस पहुंचे। इस किताब में सभी धर्मो जातियों और राष्ट्र को सम्मान दिया गया है।लेखनी के माध्यम से देश की महिलाओं का सम्मान का संदेश दिया गया है।अतः आप एक बार जरूर इस किताब को ले और आस पास के सभी लोगो जागरूक करे हिंदी लेखन के लिए। मुझको पढ़ना हो तो आप लोग मेरी नज़्म पढ़ लीजिए, लफ्ज़ बेमिसाल ना सही, जज़्बात लाजवाब मिलेंगे।। लेखनी से कुछ इस कदर प्यार है हमें... कि कभी तेरी बातें भूल जाऊं, कभी तेरे लफ्ज़ भूल जाऊं, इस कदर मोहब्बत है लेखनी तुझसे के अपनी ज़ात भूल जाऊं, तेरे पास से उठ के जब मैं चल दूँ ऐ मेरे हमदम, जाते जाते खुद को तेरे पास भूल जाऊं।

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लेखक के बारे में

मेरा नाम शिवम् राय है मैं एशिया के सबसे बड़े मतदाताओं वाले गांव रेवतीपुर जिला गाजीपुर उत्तर प्रदेश का रहने वाला हूं।मैं एक किसान परिवार से हूं। मेरी प्रारंभिक शिक्षा गांव से ही RSS के विद्यालय में हुई। हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की पढ़ाई राजकीय सिटी इंटर कॉलेज गाजीपुर से हुई। स्नातक (B.A.) की पढ़ाई वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय जौनपुर से हुई। सितंबर 2017 में कुछ पारिवारिक संकट के कारण दिल्ली में प्राइवेट नौकरी के साथ ही स्नातक की पढ़ाई पूरी करनी पड़ी।वर्तमान में MBA की पढ़ाई ए पी जे अब्दुल कलाम टेक्निकल यूनिवर्सिटी से जारी है।अभी मैं चंडीगढ़ में delhivery Ltd. कंपनी में सीनियर एसिक्युटिव पोस्ट पर कार्यरत हूं।मुझे लिखने शौक बचपन से ही रहा है। लॉकडाउन के दौरान सम्पूर्ण ध्यान लेखनी पर आया।मैने 35+एंथोलॉजी में अपना योगदान दिया है।बचपन से ही शायरी और कविताएं पढ़ने के बहुत शौक था। हिंदी से लगाव कुछ इस तरह रहा है की आज मैं कुछ न कुछ लिखे बिना रहा नही जाता है। मुझे देश के अलग अलग शहरों में घूमने जाना तथा वहा की गतिविधियों को जानना मुझे बेहद पसंद हैं। तीर्थ स्थल बीच पहाड़ियों में बर्फीले जगहों पर घूमना बहुत पसंद हैं। मेरा सपना है की मैं कुछ ऐसा करू जिससे कुछ लोगों को रोजगार दे सकूं।। धन्यवाद जय हिन्द जय भारत

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