Laut Aa Ae Zindagi

· BFC Publications
5.0
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About this ebook

परिवर्तन संसार का नियम तो है पर आज के दौर में सबसे अधिक बदलाव जो देखने को मिला वह प्रेम में देखने को मिला है। आज जितना परिवर्तन प्रेम के रिश्तों में हुआ, शायद ही किसी दूसरे तत्व में उतना बदलाव आया हो। आज लव जिहाद की घटनाएँ अंदर तक झकझोर देती हैं। वह राधा-कृष्ण जैसा प्रेम अब बस कहानियों में रह गया है। इसी से एक प्रेरणा मिली कि सच्चे प्रेम को उजागर करूं और साथ ही युवाओं को सही रहा पर चलने के लिए प्रेरित करूं।

अपने जीवनसाथी से जब पूर्ण समर्पित भाव से प्रेम करते हैं तो वह प्रेम पवित्रता के साथ-साथ अमिट और अमर हो जाता है। कुछ सामाजिक बुराइयों को भी दर्शाया गया है साथ ही कविताओं के माध्यम से युवाओं को अपनी मंज़िल के प्रति सतर्कता तथा अपने कर्मों के प्रति दृढ़ता बनाए रखने का संदेश भी दिया गया है।

मेरे मार्गदर्शक मेरे स्वर्गीय पिता के श्री चरणों में बारंबार नमन !

Ratings and reviews

5.0
47 reviews
Poonam Sharma
November 28, 2024
This book is hands-down, one of the best I've ever read. The author's words are not just beautifully written, but they also deeply resonate with me. Keep it up. You are the best 👌 👍
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Avinash Ghule (Avi)
November 21, 2024
Book ke writer bade jindadil insan malum hote hai...jinhone dil ko chhu jane wali book likhi...book padhakar jine ki tamanna aur badh gai...lekhak ke bol jivan ko mahaka denewale hai.......finally it's osm and heart touching book.
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Mehak Sinsinwar
November 21, 2024
This book is really very fascinating... When you will read this book , you will feel the emotion which author wants to describe...👍👍
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About the author

अरुण सिंह देशवाल

जन्म: 27 सितंबर, 1988

जन्म भरतपुर ज़िला (राजस्थान) के एक छोटे से गाँव 'ऐंचेरा' में हुआ। ये गाँव ब्रज क्षेत्र में अपनी प्राकृतिक व आध्यात्मिक स्थिति के लिए विख्यात है। यहाँ भगवान श्रीकृष्ण की लीलाएँ प्रत्यक्षतः दृष्टिगत होती हैं। उनकी लीलाओं की झलक यहाँ स्थित कदमखंडी में कदंब के वृक्षों पर आज भी दिखाई देती है। व्यक्तित्व: अध्यात्म की गहरी समझ अपने पिता स्व. श्री मोहन सिंह जी से मिली, जिन्हें माँ दुर्गा की भक्ति व पूर्ण समर्पण के लिए जाना जाता था। अरुण देशवाल की समाज की बुराइयों तथा मानव की अज्ञानता को लेकर गहरी सोच रही है। कृतित्व: अपनी शिक्षा पूरी कर वर्तमान में भारतीय सेना में अनुदेशक के पद पर कार्यरत हैं और लेखन कार्यों में सक्रिय हैं। आप हमेशा ही 'मानव कल्याण' हेतु प्रयासरत रहे, सामाजिक व सांस्कृतिक संस्थाओं से जुड़कर समाज सेवा को अपना उद्देश्य बनाया। आपकी शृंगार रस की कविताओं में एक सच्चा प्रेम और सत्य उजागर होता है तथा समाज पर आधारित एवं युवाओं को जोश और उत्प्रेरित करने वाली कविताओें पर आपकी लेखनी आज भी जारी है।

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