दिनचर्या क्रम में कल्पना कर कुछ लिखता अथवा गुणगान करता हूँ। अतः जैसा देखता विचारता, किसी प्राणी, प्रकृति-चित्रण पर महसूस कर उस ही आधार पर यह पुस्तक ‘मानवता-पथ’ काव्य-संग्रह आपके समक्ष प्रस्तुत है। ‘मानवता-पथ’ काव्य-संग्रह पुस्तक के सफलतापूर्वक पूरी होने में मेरी पत्नी श्रीमती माया देवी का मुख्य रूप से सहयोग रहा जिसके लिए वह प्रशंसा की पात्र हैं एवं जाने-अनजाने साथियों का सहयोग रहा। उन सभी का मैं हृदय से आभार प्रकट करता हूँ। पुस्तक में दर्शाई गई रचनाओं में हो सकता है कोई शब्द या पंक्ति आपके विचारों से प्रथक प्रतीत होती है तो उसके लिए क्षमा चाहता हूँ। प्रकाश चन्द बंसल