श्री मनीष वैष्णव के द्वारा संकलित "साइंटेस्टिक" प्रथम पुस्तक हैं। परंतु उनका यह कार्य प्रथम प्रयास में ही प्रतियोगी अभ्यर्थियों में सराहनीय बन गया हैं। वर्ष 2018 में उनकी यह पुस्तक Ebook के रूप में प्रकाशित हुई, जिससे हजारों अभ्यर्थी लाभान्वित हुए।
(आवस्यकता ही आविष्कार की जननी हैं) इस पुस्तक की रचना के पीछे यह कहावत एकदम उचित सिद्ध होती हैं। स्वयं श्री मनीष वैष्णव द्वारा राजकीय सेवा के लिए प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करते समय एक ऐसी सामान्य-विज्ञान की पुस्तक की आवश्यकता महसूस हुई जो अपने आप में सम्पूर्ण हो और सटीक हो तथा जो वर्तमान समय में बदलते प्रतियोगी परीक्षाओं के संरचना के अनुरूप हो। इसी क्रम में अपने विभिन्न स्रोतों के माध्यम से एक-एक तथ्य को जुटाते हुए इस पुस्तक की रचना की।
श्री मनीष वैष्णव ने जय नारायण व्यास विश्वविधालय से कला विषय मे स्नातक की तथा करौली से प्राथमिक शिक्षा में डिप्लोमा किया। वर्तमान में आप राजस्थान में राजकीय सेवा में कार्यरत हैं।hi