Bhaag Milkha Bhaag: Bestseller Book by Milkha Singh: Bhaag Milkha Bhaag

· Prabhat Prakashan
4.6
28 reviews
Ebook
152
Pages
Ratings and reviews aren’t verified  Learn More

About this ebook

मेरे लिए वे (मिल्खा सिंह) हमेशा एक प्रेरणा थे, हैं, और रहेंगे।

—राकेश ओमप्रकाश मेहरा

मिल्खा सिंह का जीवन दौड़, दौड़, और दौड़ से ही भरा रहा है। बँटवारे के समय मौत से बाल-बाल बचकर निकलनेवाले एक बालक ने एक युवा सैनिक रंगरूट तक का सफर तय किया और अपनी पहली तेज रफ्तार दौड़ एक दूध से भरे गिलास के लिए लगाई थी। अपनी इस पहली दौड़ के बाद मिल्खा सिंह संयोग से एथलीट बन गए और उसके बाद एक किंवदंती के रूप में हमारे सामने हैं।

इस शानदार और प्रेरक आत्मकथा में मिल्खा सिंह ने भारत के लिए राष्ट्रमंडल खेलों में एथलेटिक्स में पहला स्वर्ण जीतने, पाकिस्तान में ‘उड़नसिख’ के रूप में स्वागत की अपार खुशी और ओलंपिक खेलों में एक चूक से मिली असफलता जैसे कई अनुभव बाँटे हैं।

खेल को ही जीवन माननेवाले मिल्खा सिंह ने खेलों के तौर-तरीकों और नियम-कायदों से कभी भ्रमित नहीं हुए। ‘भाग, मिल्खा भाग’ एक बेहद सशक्त और पाठकों को बाँधे रखनेवाली पुस्तक है, जिसमें एक ऐसे शरणार्थी की जीवन-गाथा है जो भारतीय खेलों की महानतम हस्तियों में शुमार है।

जीवन की कठिनाइयों और हालात से कभी न हारनेवाले असाधारण व्यक्ति की प्रेरणादायक जीवनगाथा।

Ratings and reviews

4.6
28 reviews
A Google user
July 4, 2018
Milkha singh is great sports man
4 people found this review helpful
Did you find this helpful?
A Google user
February 1, 2019
best runner milkha sing
Did you find this helpful?
A Google user
July 4, 2018
Very....very nice books
7 people found this review helpful
Did you find this helpful?

About the author

अविभाजित भारत में सन 1932 में जनमे मिल्‍खा सिंह का नाम भारत के प्रति‌ष्‍ठ‌ित धावकों में सम्म‌ि‍लित किया जाता है। अपने संपूर्ण कॅरियर के दौरान सफलता प्राप्‍त करने हेतु उनका मंत्र निरंतर अभ्यास, कड़ी मेहनत, आत्मानुशासन, समर्पण व अपनी योग्यता के अनुसार सबसे बेहतर प्रदर्शन करने की लगन था। हालाँकि उन्होंने साठ के दशक के आरंभिक दौर में ही प्रतियोगितात्मक आयोजनों में भाग लेना छोड़ दिया था, लेकिन उसके बाद भी, उनका समस्त जीवन खेल के प्रति ही समर्पित रहा है। मिल्‍खा सिंह दिल से सदैव ही एक रूमानी व्यक्‍त‌ि रहे हैं और अपने इसी व्यक्‍त‌ि‍त्व की बदौलत आज वे एक आदर्श पति, गौरवशाली पिता और एक प्यारे दादा हैं। फरहान अख्तर द्वारा अभिनीत, ‘भाग मिल्‍खा, भाग’ उनकी आत्मकथा पर आधारित फिल्म है, जिसमें उनके प्रारंभिक जीवन कॅरियर को चित्रित किया गया है।

Rate this ebook

Tell us what you think.

Reading information

Smartphones and tablets
Install the Google Play Books app for Android and iPad/iPhone. It syncs automatically with your account and allows you to read online or offline wherever you are.
Laptops and computers
You can listen to audiobooks purchased on Google Play using your computer's web browser.
eReaders and other devices
To read on e-ink devices like Kobo eReaders, you'll need to download a file and transfer it to your device. Follow the detailed Help Center instructions to transfer the files to supported eReaders.