एक कहावत है—
पैसा गया; तो कुछ गया; स्वास्थ्य गया; तो बहुत कुछ गया पर अगर चरित्र गया तो सबकुछ गया।
अतः आवश्यक है कि व्यक्ति
अपने चरित्र को निर्मल व स्वच्छ रखे; उसके संरक्षण-संवर्धन के लिए हमेशा प्रयत्नशील रहे। व्यक्ति के संपूर्ण व्यक्तित्व का सबसे महत्त्वपूर्ण पक्ष है ‘चरित्र’।
इस दृष्टि से इस पुस्तक में चरित्र-निर्माण की कहानियाँ संकलित की गई हैं; क्योंकि कहानियों का हमारे जीवन में महत्त्वपूर्ण योगदान माना जाता है। इनके द्वारा व्यक्ति के जीवन में प्रेम; त्याग; बलिदान; शिक्षा आदि का संचार होता है। हमारे पौराणिक गं्रथों में अनेक शिक्षाप्रद तथा ज्ञानवर्द्धक कहानियों का समावेश किया गया है। ‘चरित्र-निर्माण की कहानियाँ’ भी इन्हीं ग्रंथों से प्रेरित हैं। इन कहानियों का चयन विशेष रूप से बाल पाठकों की मनोवृत्ति को ध्यान में रखकर किया गया है। लेकिन चरित्र-निर्माण पर आधारित ये कहानियाँ केवल बाल पाठकों में ही नहीं; अपितु प्रत्येक वर्ग के पाठकों में चरित्र-निर्माण का संचार करेंगी।Charitra-Nirman ki Kahaniyan by Mukesh ‘Nadan’: "Charitra-Nirman ki Kahaniyan" authored by Mukesh ‘Nadan’ is a collection of stories that emphasize the development of character and moral values.
Key Aspects of the Book "Charitra-Nirman ki Kahaniyan":
Moral Tales: The book offers moral and ethical stories that focus on character development.
Values and Virtues: It explores the importance of virtues like honesty, integrity, and compassion through storytelling.
Educational Narratives: "Charitra-Nirman ki Kahaniyan" serves as a valuable educational tool for instilling positive values.
Through "Charitra-Nirman ki Kahaniyan," Mukesh ‘Nadan’ imparts moral lessons and encourages character development through storytelling.