Karbala (कर्बला)

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 प्रेमचंद का सर्वश्रेष्ठ नाटक कर्बला

अमर कथा शिल्पी मुंशी प्रेमचंद द्वारा इस्लाम धर्म के संस्थापक हजरत मुहम्मद के नवासे हुसैन की शहादत का सजीव व रोमांचक विवरण लिए हुए एक ऐतिहासिक नाटक है। इस मार्मिक नाटक में यह दिखाया गया है कि उस काल के मुस्लिम शासकों ने किस प्रकार मानवता प्रेमी, असहायों व निर्बलों की सहायता करने वाले हुसैन को परेशान किया और अमानवीय यातनाएं दे देकर उसका कत्ल कर दिया। कर्बला के मैदान में लड़ा गया यह युद्ध इतिहास में अपना विशेष महत्त्व रखता है। मुस्लिम इतिहास पर आधारित मुंशी प्रेमचंद द्वारा लिखा गया यह नाटक ‘कर्बला' साहित्य में अपना विशेष महत्त्व रखता है।

Ratings and reviews

5.0
3 reviews
pubg gaming
September 8, 2020
Good
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Asif khan
August 8, 2022
Sabse achhi book
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About the author

 प्रेमचंद का जन्म 31 जुलाई 1880 को वाराणसी के निकट लमही गाँव में एक कायस्थ परिवार में हुआ था। लमही, उत्तर प्रदेश राज्य के बनारस शहर के नजदीक ही लगभग चार मिल दूर स्थित हैं। उनकी माता का नाम आनन्दी देवी था तथा पिता मुंशी अजायबराय लमही में डाकमुंशी थे। उनकी शिक्षा का आरंभ उर्दू, फारसी से हुआ और जीवनयापन का अध्यापन से। पढ़ने का शौक उन्‍हें बचपन से ही लग गया। 13 साल की उम्र में ही उन्‍होंने तिलिस्म-ए-होशरुबा पढ़ लिया और उन्होंने उर्दू के मशहूर रचनाकार रतननाथ 'शरसार', मिर्ज़ा हादी रुस्वा और मौलाना शरर के उपन्‍यासों से परिचय प्राप्‍त कर लिया। 1797 में मैट्रिक की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद वे एक स्थानीय विद्यालय में शिक्षक नियुक्त हो गए। नौकरी के साथ ही उन्होंने पढ़ाई जारी रखी। 1910 में उन्‍होंने अंग्रेजी, दर्शन, फारसी और इतिहास लेकर इंटर पास किया और 1919 में बी.ए. पास करने के बाद शिक्षा विभाग के इंस्पेक्टर पद पर नियुक्त हुए।

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