चमचमाती इमारतों और अन्य सुविधाओं की बजाय संवेदनशील लोग ही दुनिया को रहने के लिए बेहतर स्थान बनाते हैं। दृढ संकल्पित व्यक्ति को उसके लक्ष्य तक पहुँचने से कोई नहीं रोक सकता। ऐसे लोगों की ईश्वर भी मदद करता है। अगली पीढ़ी को समग्र रूप से मजबूत बनाने के लिए स्कूल; माता-पिता और नीति-निर्माताओं को पूरी शिक्षा प्रणाली में शारीरिक शिक्षा को भी शामिल करना होगा। संतुलित विकास से ही हम सक्षम नई पीढ़ी का निर्माण कर सकते हैं। कोई भी व्यक्ति इनोवेटर बन सकता है; यदि उसकी बुनियाद मजबूत है और आधारभूत चीजों के बारे में उसे पूरी स्पष्टता है। जिंदगी में लंबी रेस का घोड़ा बनना है तो पहले कॅरियर बनाइए; पैसा अपने आप आ जाएगा। पेड़ तो आपको लगाना ही चाहिए; लेकिन युवा मनों में शिक्षा के बीज भी बोइए; क्योंकि इनसे मिला फल पेड़ों से मिलनेवाले फलों से ज्यादा मीठा होता है। -इसी संग्रह से प्रसिद्ध मोटिवेशन गुरु एवं शिक्षक श्री एन. रघुरामन के दीर्घकालीन अनुभव का निचोड़ हैं ये सूत्र; जो 'जिंदगी की पाठशाला' में आपको सफल होने और अभीष्ट पाने में मदद करेंगे।Zindagi ki Pathshala by N. Raghuraman: N. Raghuraman's book serves as a guide to life's lessons and wisdom. Drawing from personal experiences and reflections, the author offers valuable insights and principles for living a meaningful and fulfilling life.
Key Aspects of the Book "Zindagi ki Pathshala":
1. Life Lessons: The book imparts essential life lessons on topics such as happiness, resilience, purpose, and personal growth.
2. Personal Reflections: N. Raghuraman shares his own experiences and reflections, making the book relatable and inspirational for readers.
3. Wisdom and Guidance: "Zindagi ki Pathshala" offers practical wisdom and guidance for navigating life's challenges and embracing its opportunities.
N. Raghuraman is an accomplished author and philosopher known for his insightful writings on life and its complexities. His book is a source of inspiration for those seeking to lead a purposeful life.