महान् क्रांति की शुरुआत महान् लोगों के दिमाग से होती है, जिनके पास घटनाक्रमों को देखने के लिए नया परिप्रेक्ष्य होता है और जो अपने विचारों को लागू करने का साहस रखते हैं। ऐसे ही एक महान् क्रांतिकारी पंडित श्यामजी कृष्ण वर्मा थे, जो महात्मा गांधी की तरह गुजरात से थे। वह कई पहलुओं वाले बहुआयामी व्यक्ति थे-संस्कृत और अंग्रेजी में एक विद्वान्, ऑक्सफोर्ड से पहले भारतीय एम.ए., एक बैरिस्टर और कुछ राज्यों के दीवान। सबसे ऊपर, वह एक स्वतंत्रता सेनानी और राष्ट्रीय आंदोलन के प्रमुख नेताओं में से एक थे। उन्होंने देश के बाहर से भारत की स्वतंत्रता के लिए सेवा की । वास्तव में, उन्होंने अंग्रेजों को अपनी जमीन से ही खदेड़ा।