राजीव पराशर द्वारा लिखी गयी यह एक पुस्तक ही नहीं वरन् हिन्दुस्तानियत में रमें हुए हर भारतवासी की प्रधानमंत्री जी के नाम एक चिट्ठी है । जिसमें देश में फैली हुई अनेक अनियमित्ताओं तथा दोषों के प्रति मन और दिल में उठने वाली असहनिय वेदनाओं को देश की जनता और माननीय प्रधानमंत्री जी के समक्ष पेश किया गया है । यह पुस्तक पढ़ते समय ऐसा प्रतीत होगा कि मानो यह पुस्तक हर सच्चे भारतवासी द्वारा लिखी गयी है ।