Wainganga Ki Adhunik Kavyadhara

· Nachiket Prakashan
5.0
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 पोवारी भाषा को अस्तित्व को संरक्षण, उत्थान व प्रगति साती येव एक अचूक, अमूल्य व अभेद्य साहित्यिक ग्रन्थ से .

   ग्रंथ मा पोवारी बोली की कविताओं व गद्य लेखन ला ग्रामीण लहजा लक उबारकर आधुनिक हिन्दी को लहजा मा प्रस्तुत करन को सफल प्रयास करेव गयी से. येव ग्रंथ पोवारी बोली ला भाषा को रुप मा स्थापित करन को प्रयासों साती पथ-प्रदर्शक साबित होये.

Ratings and reviews

5.0
7 reviews
Powari Bhasha Vishva . Navi Kranti
December 16, 2023
१. This book is unique in all the books of poetry available in the "Powari" language. All the poems included in this book are very useful to promote the 'Powari" language . The book is full of with excellent motivational poems. This is most relevant, significant and valuable book . २. इस ग्रंथ की कविताओं में पोवारी बोली को देहाती लहजे में प्रस्तुत न करते हुए इसकी प्रकृति में सुधार कर इसे आधुनिक हिंदी के लहजे में प्रस्तुत किया गया है। ३.पोवारी बोली को भाषा के रुप में प्रस्थापित करने के लिए हमें इसी मार्ग का अनुसरण करना आवश्यक है। ४. यह ग्रंथ पोवारी भाषा के संरक्षण, संवर्धन एवं उत्थान के लिए अचूक, अमूल्य एवं अभेद्य साहित्यिक ग्रंथ है।५.यह ग्रंथ पोवारी बोली को भाषा के रुप में स्थापित करने के लिए पथ-प्रदर्शक है।
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Satish Patle
December 13, 2023
The book is high level. The poems included here are excellent, beautiful, and motivational. I appreciated the book too much. इस काव्य ग्रंथ को "वैनगंगा की आधुनिक काव्य धारा" शीर्षक देकर रचयिता ने पोवारी बोली को एक नया आयाम दिया है. उसी प्रकार पोवारी बोली को सुधारित स्वरूप में प्रस्तुत कर एवं उसमें सफलता पूर्वक नव-चैतन्य लाकर पोवारी बोली को भाषा के रूप में स्थापित करने का मार्ग आलोकित किया है. तात्पर्य, यह एक मौलिक, नाविन्यपूर्ण एवं उच्चस्तरीय ग्रंथ है.
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Dr. Anjali rahangdale
January 6, 2024
This mesmerizing Powari poetry collection is a symphony of emotions, skillfully woven with the rich tapestry of words. Each verse is a masterpiece, painting vivid landscapes of tradition and emotion. A true gem that deserves every bit of its 5-star acclaim.
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About the author

 लेखक प्राचार्य ओ सी पटले- इतिहासकार, विचारक,कवि ,चिंतक व सनातनी विचारों का प्रचारक सेत. पोवारी भाषा, संस्कृति व समाज का अभ्यासक सेत. पोवारी, हिन्दी सहित मराठी भाषा मा भी लेखन कार्य करीसेन व कार्यरत सेत.

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