Pareshaniyan Insaan Se Badi Nahi

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מידע על הספר הדיגיטלי הזה

"पुस्तक के भाग एक के प्रस्तुत कहानी मैं एक निम्नवर्गीय परिवार को आधार बना कर अपने कथा तन्तुओ को बुनने का प्यास किया गया है 

प्रस्तुत कहानी मैं मंजू नाम की एक ग्रहणी है जो अपने तीन बच्चों और बूढे सास ससुर का एक मात्र सहारा है 

मंजू में परिस्थितियों से लड़ने की क्षमता, आत्मविश्वास और साहस कूट कूट कर भरा है, जो वर्तमान समय मैं बहुत कम देखने को मिलता है, परेशानियां बड़ी नहीं होती, बस हम उन्हें सुलझाने के बजह बढ़ाने मैं लगे रहते हैं 

कहानी मैं बारिश के चलते इंसानो के अलावा जानवरो की परेशानियों को दर्शाया गया है साथ ही कहानी मैं माँ की उस अनोखी ममता का वर्णन किया गया है जो अपने बच्चों को अपना ही पेट काट कर पालती है। 

पुस्तक के भाग दो मैं कुछ शायरीया प्रस्तुत की गयी है

"


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על המחבר

अनुष्का रघुवंशी

जन्म 12/12/2002

कुछ लिखने से पहले उस का अनुभव करना आवश्यक होता है

अपने भावों को शब्दों मैं उतारने का ये सिलसिला मेरा बचपन से ही जारी है!

जब भी हाथ मैं कलम होती है तो ऐसा लगता है जैसे शब्द दौड़ दौड़ कर मेरे पास आ रहे हो, उन्हें काग़ज़ मैं उतारते ही एक अद्भुत सी शांति का अनुभव होता है

कुछ यू ही खूबसूरत पालो की याद है " परेशानियां इंसान से बड़ी नहीं " पुस्तक मेरी, जो अपने आस-पास महसूस किया है मैंने अपने उसी अनुभव को इस पुस्तक मैं निचोड़ने का एक छोटा सा प्रयास किया है मैंने

अन्य प्रकाशित पुस्तक "एक याद पुरानी तू "

 

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