Parivesh: Poetry

· Uttkarsh Prakashan
5.0
ביקורת אחת
ספר דיגיטלי
96
דפים
הביקורות והדירוגים לא מאומתים מידע נוסף

מידע על הספר הדיגיטלי הזה

गोपाल गुंजन की रचनाओं में जहाँ एक ओर सम्वेदना के भाव हैं, वहीं दूसरी ओर वैचारिक आलोड़न और जिंदगी के जद्दोजहद से जूझने और उसे अभिव्यक्त करने का अपना सरल अंदाज भी है । वह समस्याओं को पहचानते हैं, उनके रु-ब-रु होते हैं, उनसे टकराते हैं और अपने ढंग से समाधान तक पहुँचने की कोशिश करते हैं । सच तो यह है कवि सामाजिक विषमता के दंश से तिलमिलाता है, अलगाववादी प्रवृतियों पर आक्रोश व्यक्त करता है (जबकि आक्रोश को सहजता से व्यक्त करना सरल नहीं होता) और खूरेंजी, दंगे, साम्प्रदायिकता और शोषण के खिलाफ सवाल बनकर खड़ा होता है; यही नहीं व्यवस्था के मकड़जाले में फंसी सामाजिक संरचना भी उन्हें बेचैन करती है- यही गोपाल गुंजन की कविता का उत्स है । गोपाल गुंजन में समय का स्वर बजता है, युग-चेतना की वाणी गूंजती है । उन्हें उनकी रचनाओं में विद्रुपताओं के विरुद्ध सांस्कृतिक मूल्यों के पक्ष में सदैव तनकर खड़ा हुआ देखा जा सकता है । इनकी अधिकांश कविताएँ जनविरोधी व्यवस्था एवं साम्राज्यवादी, पूंजीवादी घेरेबंदी की स्थितियों का पर्दाफाश करती हुई जन समस्याओं में जनता की प्रत्यक्ष भागीदारी का पक्ष लेती हुई दिखाई पड़ती है। इनकी रचनाओं में प्रयोग किए गए शाब्दिक-ऊर्जा वातावरण में प्रतिध्वनित होकर जन-जन में समाज एवं राष्ट्र-प्रेम से अभिभूत सकारात्मकता के स्वतःसंचरण का कारण बन मन की आँखें खोलती-सी लगती है

דירוגים וביקורות

5.0
ביקורת אחת

רוצה לדרג את הספר הדיגיטלי הזה?

נשמח לשמוע מה דעתך.

איך קוראים את הספר

סמארטפונים וטאבלטים
כל מה שצריך לעשות הוא להתקין את האפליקציה של Google Play Books ל-Android או ל-iPad/iPhone‏. היא מסתנכרנת באופן אוטומטי עם החשבון שלך ומאפשרת לך לקרוא מכל מקום, גם ללא חיבור לאינטרנט.
מחשבים ניידים ושולחניים
ניתן להאזין לספרי אודיו שנרכשו ב-Google Play באמצעות דפדפן האינטרנט של המחשב.
eReaders ומכשירים אחרים
כדי לקרוא במכשירים עם תצוגת דיו אלקטרוני (e-ink) כמו הקוראים האלקטרוניים של Kobo, צריך להוריד קובץ ולהעביר אותו למכשיר. יש לפעול לפי ההוראות המפורטות במרכז העזרה כדי להעביר את הקבצים לקוראים אלקטרוניים נתמכים.