राशिचक्र मे बारह राशि है | इन बारा राशियों के कुछ निश्चित गुण होते है | इनमे से सूर्य और चन्द्रमाँ को छोडकर बाकी अन्य राशिपिंड को एक-एक ग्रह का स्वामित्व मिला है | जैसे मेष-वृश्चिक इनके ग्रह स्वामी मंगल है | इसीप्रकार अन्य बाकी राशि के स्वामी है | इनके प्रभाव से जातक के स्वभाव, गुण, अवगुण जीवन मे अपना परिणाम दिखाते है | इनके अनुसार जीवन की कार्यशैली निर्धारित होती है |
अल्प परिचय
मै बस एक जिज्ञासु हूँ | पढ़ना, लिखना, और चिंतन करना मेरा नित्य कर्म है | 100 से अधिक पुस्तको का प्रकाशन हुआ यह तो निखिलेश्वरानन्द्जी की कृपा है | जीवन के कुछ प्रश्नो के उत्तर ढूँढने ज्योतिष की और एक कदम बढ़ाया और सद्गुरुशिवरूपी ने यहा तक पहूँचाया | जैसे-जैसे आगे बढ़ता गया इस महासागर मे एक से बढ़कर एक ज्ञान के रत्न मिले | वैदिक, केपी, हस्तरेखा, डाउजिंग, रेकी, वास्तु, रमल, टेरोट जैसे अद्भुत गूढ संसार मे मन-मस्तिस्क मग्न हुआ | डिजिटल की दुनिया ने आप से रूबरू किया | कम्प्युटर मैनेजमेंट के बाद गुरु आदेश से ज्योतिषशास्त्र मे डॉक्टरेट पूर्ण हुई | ज्योतिष मार्गदर्शन, लेखन के साथ डेवलपमेंट, ई-लर्निंग का भी कार्य शुरू है |